Amera Coal Mine Dispute : अंबिकापुर में उबलता कोयला विवाद, पुलिस छावनी बनी अमेरा कोल माइंस

Amera Coal Mine Dispute

Amera Coal Mine Dispute

सरगुजा जिले में एसईसीएल की अमेरा ओपनकास्ट कोल माइंस (Amera Coal Mine Dispute) के लिए किए जा रहे जमीन अधिग्रहण का परसोढ़ीकला गांव के लोग विरोध जारी हैं। इसी को लेकर बुधवार को पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हो गई। झड़प के दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर पत्थर और गुलेल से हमला किया, जिसके जवाब में पुलिसकर्मियों ने भी पथराव किया।

पथराव की घटना में एएसपी, थाना प्रभारी सहित लगभग 26 पुलिसकर्मी घायल हुए, जबकि 12 से अधिक ग्रामीणों को भी चोटें आईं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और भीड़ को खदेड़ा। वहीं गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच एसईसीएल, जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में अधिग्रहित जमीन का सीमांकन हुआ। इस दौरान परिसर पूरी तरह पुलिस छावनी में तब्दील रहा। वहीं ग्राम पंचायत भवन में बैठक कर कोल खदान एक्सटेंशन और खनन के विरोध में ग्रामीण हुए लामबंद हो रहे हैं।

दरअसल सरगुजा जिले के लखनपुर से सटे अमेरा खदान (Amera Coal Mine Dispute) विस्तार का ग्रामीण पिछले छह महीनों विरोध कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन खदान के पास ही चल रहा है। बुधवार को करीब 250 पुलिसकर्मी आंदोलनकारियों को हटाने पहुंचे।

इस दौरान बातचीत चल रही थी कि पुलिस ने उन्हें जबरदस्ती हटाने की कोशिश की, जिसके बाद विवाद हो गया। प्रदर्शन में शामिल स्कूली छात्र को पुलिस ने वैन में बैठाया, तो ग्रामीण भड़क उठे और पुलिस पर पथराव कर दिया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी 5–6 राउंड आंसू गैस के गोले दागे। 2 घंटे चली इस झड़प में एएसपी सहित 26 से अधिक पुलिसकर्मी और 14 ग्रामीण घायल हुए। वहीं एक पुलिसकर्मी को अंबिकापुर रेफर किया है।

लखनपुर थाना क्षेत्र के परसोढ़ी गांव में एसईसीएल की ओर से खदान (Amera Coal Mine Dispute) विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण 2016 में ही पूरा बताया जाता है। जबकि ग्रामीणों का आरोप है कि यह अनुसूचित क्षेत्र होने के बावजूद ग्रामसभा की अनुमति के बिना अधिग्रहण किया गया है और उन्हें जानकारी भी नहीं दी गई है।

बुधवार सुबह लगभग 10:30 बजे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी खदान स्थल पहुंचे। ग्रामीणों को कब्जा खाली करने कहा गया था, इसी बीच ग्रामीण और पुलिस के झड़प हुई और स्थिति तनावपूर्ण हो गई। देर शाम तक बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंची है और लाठीचार्ज कर ग्रामीणों को खदेड़ा। वहीं दूसरे दिन गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच एसईसीएल प्रबंधन से अधिग्रहित जमीन का सीमांकन कर कोयला खनन की प्रक्रिया शुरू की गई।

पांच माह पहले भी हो चुकी झड़प

अमेरा खदान विस्तार को लेकर झड़प और मारपीट के मामले पहले भी हो चुके हैं। करीब पांच महीने पहले निजी कंपनी मैनेजर जमीन की ऊपरी लेयर की कटिंग करने पहुंचा, तो ग्रामीणों से उसका विवाद हुआ था। ग्रामीणों के मना करने के बाद भी मैनेजर ने बात नहीं मानी। इस पर ग्रामीणों ने मैनेजर और पोकलेन ऑपरेटर की पिटाई कर दी थी। इस मामले में तीन ग्रामीणों पर नामजद केस दर्ज हुआ था। वहीं छह महीने पहले धान की फसल हटाने को लेकर पुलिस और महिलाओं के भी झड़पें हुई थीं।

219 प्रभावित ग्रामीण जमीन देने से किया इंकार

एसईसीएल के अधिकारियों के अनुसार परसोढ़ी कला गांव की जमीन 2016 में अधिग्रहित की गई है। खदान के विस्तार से 235 ग्रामीण प्रभावित हैं। अब तक 16 लोगों ने मुआवजा लिया है। बाकी दूसरे ग्रामीण मुआवजा नहीं ले रहे हैं। वे जिद पर अड़े हैं कि उन्हें न तो नौकरी चाहिए और ना ही मुआवजा। विरोध करने वाली लीलावती बाई ने कहा कि उनकी जमीन कई पीढ़ियों तक चलेगी। इसी जमीन से पिछली कई पीढ़ियां फसल ले कर घर चला रही हैं।

ग्रामीणों का किया समर्थन

एक तरफ दलबल के साथ एसईसीएल कोयला खनन (Amera Coal Mine Dispute) की तैयारी में जुटा है तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण गुरुवार को पंचायत भवन में कोल खदान एक्सटेंशन और खनन के विरोध में ग्रामीण हुए लामबंद हैं। वे एकजुट होकर आगे की रणनीति तय कर रहे हैं। गुरुवार को कांग्रेस का डेलीकेशन जिला अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक के नेतृत्व में प्रभावित ग्रामीणों से मिलने पहुँचा और ग्रामीणों का समर्थन करते हुए प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध किया। इधर कांग्रेस के हस्तक्षेप के बाद अमेरा कोल खदान एक्सटेंशन को लेकर सियासत गरमाने लगी।

(Amera Coal Mine Dispute) एसईसीएल का पक्ष

“अब तक परसोढ़ीकला के लोगों को 10 करोड़ का मुआवजा बांट चुके हैं। रोजगार भी दिया। भूमि मालिकों को कुछ असामाजिक तत्वों ने उकसाया है। इसलिए उन्होंने अधिग्रहित जमीन खाली करने से इनकार किया है। भीड़ ने हिंसक गतिविधियों को भी अंजाम दिया। वार्ता करने पहुंचे एएसपी, एसडीएम, तहसीलदार और खदान अधिकारियों पर ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया, जिसमें कई लोग घायल हुए। स्थिति गंभीर देख अतिरिक्त पुलिस बल बुलवाया और भीड़ को तितर-बितर किया।”
— सनीष चंद्रा, पीआरओ, एसईसीएल

प्रशासन का बयान

“खदान विस्तार को लेकर विधिवत भू-अर्जन हुआ है। इसके बाद भी ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों से दो दौर की चर्चा हुई, लेकिन वे खदान विस्तार नहीं होने देने की जिद पर अड़े हैं। पुलिस से झड़पें भी हुई हैं। माहौल शांत करा ग्रामीणों को समझाइश देने की कोशिश की जा रही है। अधिकारियों को अवगत कराया है। कई पुलिस कर्मी गुलेल और पत्थर से घायल भी हुए हैं। अभी तनावपूर्ण स्थिति है।”
— सुनील नायक, अपर कलेक्टर, अंबिकापुर