Constipation Causes : कब्ज क्यों होता है? डॉक्टर ने बताई असली वजह और बचाव

Constipation Causes

Constipation Causes

कब्ज एक बेहद सामान्य लेकिन परेशान कर देने वाली समस्या है, जिसका सामना लगभग हर व्यक्ति किसी न किसी उम्र में करता है। कई बार मामला इतना बढ़ जाता है कि कितनी भी कोशिश कर लें, सुबह पेट पूरी तरह साफ नहीं होता और दिनभर भारीपन, गैस, चिड़चिड़ापन (Constipation Causes) और थकान बनी रहती है।

पीएसआरआई हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट, जीआई सर्जरी और लिवर ट्रांसप्लांटेशन विशेषज्ञ डॉ. भूषण भोले बताते हैं कि कब्ज का सीधा संबंध हमारी जीवनशैली और रोजाना की खाने-पीने की आदतों से है।

डॉक्टर के मुताबिक, जब फाइबर की कमी, पानी की कमी और अनियमित दिनचर्या एक साथ जुड़ जाती है, तो intestines की नैचुरल मूवमेंट धीमी पड़ने लगती है और मल सख्त (Constipation Causes) होकर आंतों में रुक जाता है।

डॉ. भोले कहते हैं कि कब्ज के पीछे सबसे आम कारण है फाइबर और पानी की कमी। जब शरीर को उतना पानी नहीं मिलता जितना उसे चाहिए, तो मल सूखने लगता है और आंतों में रुककर दर्द, भारीपन और बार-बार टॉयलेट जाने की इच्छा के बावजूद राहत न मिलने जैसी समस्याएं पैदा करता है।

इसके अलावा दिनभर लगातार बैठे रहना, शारीरिक गतिविधि का अभाव, तनाव, देर रात तक जागना और रोजाना जंक फूड का सेवन कब्ज के जोखिम को और बढ़ा देता है। कई लोगों में यह समस्या इसलिए भी बढ़ती है क्योंकि वे मल त्याग की प्राकृतिक इच्छा को बार-बार टालते रहते हैं, जिसके कारण आंतें अपनी लय खो देती हैं और कब्ज क्रोनिक बन जाता है।

डॉक्टर यह भी बताते हैं कि कई मेडिकल (Constipation Causes) स्थितियां और दवाएं भी कब्ज की वजह बन सकती हैं। थायरॉइड की कमी, डायबिटीज, पीसीओएस, इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) जैसे विकार कोलन की मूवमेंट को धीमा कर देते हैं।

वहीं आयरन सप्लीमेंट, एंटासिड्स और एंटीडिप्रेशन दवाएं आंतों के प्राकृतिक फ्लो को प्रभावित कर कब्ज को और गंभीर बना सकती हैं। यही वजह है कि कई मरीज लाख कोशिशों के बावजूद पेट साफ नहीं कर पाते और रोजमर्रा का जीवन असहज हो जाता है।

डॉ. भोले सलाह देते हैं कि कब्ज से बचने के लिए सबसे जरूरी है फाइबर–रिच डाइट अपनाना। हरी सब्जियां, सलाद, दालें, फल, ओट्स और साबुत अनाज पेट को हल्का रखते हैं और मल को सॉफ्ट बनाते हैं। इसके साथ ही रोजाना पर्याप्त पानी पीना उतना ही जरूरी है, क्योंकि पानी मल को नरम बनाकर उसके मूवमेंट को सहज बनाता है।

सुबह की वॉक, हल्की एक्सरसाइज और समय पर टॉयलेट जाने की आदत आंतों की लय को स्थिर करती है। डॉक्टर यह भी सुझाव देते हैं कि चाय-कॉफी और बहुत ज्यादा मसालेदार भोजन से परहेज करना चाहिए, क्योंकि ये शरीर को डिहाइड्रेट कर कब्ज को बढ़ा देते हैं।

कुल मिलाकर, कब्ज कोई मामूली समस्या नहीं बल्कि एक संकेत है कि शरीर को बेहतर दिनचर्या और संतुलित खानपान की जरूरत है। सही आदतें अपनाकर और समय रहते विशेषज्ञ की सलाह लेकर इस समस्या से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है।