Private Schools Tribunal MP : निजी शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों के लिए एकेडमिक ट्रिब्यूनल बनाने का आदेश

Private Schools Tribunal MP

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हाई कोर्ट ने सभी निजी शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए मध्य प्रदेश के हर जिले में एकेडमिक ट्रिब्यूनल (Private Schools Tribunal MP) गठित करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से इस संबंध में चार सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट भी मांगी है। इस मामले में अगली सुनवाई 14 जनवरी 2026 को होगी। यह ट्रिब्यूनल शिक्षकों की समस्याओं पर सुनवाई और निराकरण करेगा।

दरअसल, निजी शैक्षणिक संस्थानों के शिक्षकों की समस्याओं को लेकर एक जनहित याचिका हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में दायर की गई। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के फैसले ‘टीएमए पे फाउंडेशन बनाम स्टेट आफ कर्नाटक (2002)’ के निर्देशों का पालन करते हुए राज्य के प्रत्येक जिले में एक एकेडमिक ट्रिब्यूनल (Private Schools Tribunal MP) के गठन की मांग की गई। कहा गया कि इस व्यवस्था से निजी संस्थानों के शिक्षकों की समस्याओं का तेजी से निराकरण होगा।

याचिकाकर्ता की ओर से हरियाणा सरकार का उदाहरण भी दिया गया, जिसने हाल ही में 8 सितंबर 2025 को अधिसूचना जारी कर जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को तकनीकी शिक्षा से जुड़े सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त संस्थानों के कर्मचारियों की अपील सुनने के लिए अधिकृत किया है । इसे मध्य प्रदेश में लागू करने की मांग की गई।

Private Schools Tribunal MP राज्य सरकार ने शुरू की तैयार

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से तैयारी की जानकारी भी प्रस्तुत की गई। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने हाई कोर्ट को बताया कि 12 नवंबर को विधि विभाग द्वारा एक एसओपी/मैकेनिज्म तैयार कर रजिस्ट्रार जनरल को भेजा गया है (State SOP Preparation [Private Schools Tribunal MP])। इसके आधार पर आगे कार्रवाई चल रही है। हाई कोर्ट ने कहा कि जब तक प्रदेश स्तर पर पूर्ण ट्रिब्यूनल प्रणाली तैयार नहीं होती, तब तक जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को अंतरिम ट्रिब्यूनल के रूप में अपीलें सुनने हेतु अधिकृत किया जा सकता है।

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