Ayodhya Ram Mandir Flag Hoisting : अयोध्या में आज ऐतिहासिक उत्सव, राम मंदिर के मुख्य शिखर पर पीएम मोदी करेंगे ध्वजारोहण

Ayodhya Ram Mandir Flag Hoisting

Ayodhya Ram Mandir Flag Hoisting

आज अयोध्या में सनातन धर्म का ऐतिहासिक क्षण दर्ज होने जा रहा है, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Ayodhya Ram Mandir Flag Hoisting) अभिजित मुहूर्त में दिव्य राम मंदिर के मुख्य शिखर पर धर्मध्वजा फहराएँगे। 18 फीट लंबी और 9 फीट चौड़ी केसरिया ध्वजा न सिर्फ मंदिर के शिखर पर लहराएगी, बल्कि दुनिया भर में बसे करोड़ों रामभक्तों की आस्था की पताका भी बनेगी।

9 नवंबर 2019, 5 अगस्त 2020 और 22 जनवरी 2024 के बाद 25 नवंबर भी इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा। प्रधानमंत्री सुबह 9:35 बजे रामनगरी पहुँचेंगे, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत सोमवार को ही अयोध्या पहुँच चुके हैं। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सहित करीब छह हजार अतिथि इस अनोखे आयोजन के साक्षी बनेंगे।

प्रधानमंत्री 11 बजे राममंदिर परिसर पहुँचकर सभी उपमंदिरों में पारंपरिक विधि से दर्शन करेंगे। सप्तऋषि मंडप में वाल्मीकि ऋषि के दर्शन के बाद वे विशेष आरती में शामिल होंगे और दोपहर 11:58 से 12:30 बजे के बीच अभिजित मुहूर्त में शिखर पर ध्वजारोहण करेंगे। ध्वजारोहण के बाद प्रधानमंत्री उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे। ध्वजारोहण को लेकर मंदिर परिसर में पाँच दिवसीय पूजा सोमवार की संध्या आरती के साथ पूर्ण हो चुकी है।

राम मंदिर के 161 फीट ऊँचे शिखर पर 41 फीट का ध्वजदंड लगाया गया है, जिसमें 360 डिग्री घूमने वाला विशेष मैकेनिज़्म लगा है। ध्वजदंड का 10 फीट हिस्सा शिखर के अंदर है, जिसमें हाई-ग्रेड बेयरिंग सिस्टम लगाया गया है ताकि ध्वजा तेज हवाओं में भी सुरक्षित लहराती रहे। मुख्य शिखर के लिए 25 ध्वज और उपमंदिरों के लिए 100 छोटे ध्वज तैयार किए गए हैं। सभी ध्वज पैराशूट कपड़े से बने हैं और हर 15 दिन पर बदले जाएंगे। ध्वज पर तीन प्रमुख प्रतीक—ॐ, सूर्य और कोविदार वृक्ष अंकित हैं। सूर्य राम के सूर्यवंश का, ॐ सनातन संस्कृति की अनंत ऊर्जा का और कोविदार वृक्ष त्रेतायुग के आध्यात्मिक संदर्भों का प्रतीक माना गया है।

अयोध्या में सुरक्षा के सबसे कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। 6,970 सुरक्षा कर्मी, NSG स्नाइपर, NSG कमांडो, एंटी-ड्रोन सिस्टम, साइबर और तकनीकी टीमें तैनात हैं। भीड़ प्रबंधन, विस्फोटक जांच और आपातकालीन प्रतिक्रिया की विशेष टीमें दिनभर सतर्क रहेंगी। मंदिर परिसर और रामपथ के आस-पास संपूर्ण क्षेत्र हाई–सिक्योरिटी ज़ोन में बदल दिया गया है।

ध्वजारोहण का दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आज विवाह पंचमी है—वह पावन तिथि जब माता सीता और भगवान राम का विवाह हुआ था। इस विशेष अवसर पर भगवान राम के लिए स्वर्ण जड़ित पीतांबरी, कश्मीर की पश्मीना शॉल और माता सीता के लिए विशेष रेशमी साड़ी तैयार की गई है। अन्य विग्रहों के वस्त्र कर्नाटक से मंगाए गए हैं, जिनकी डिजाइन अंबेडकरनगर के प्रसिद्ध डिजाइनर मनीष तिवारी ने बनाई है। सभी वस्त्रों पर स्वर्ण तारे और विशेष पारंपरिक आकृतियाँ उकेरी गई हैं।

आज अयोध्या एक बार फिर इतिहास की साक्षी बनी खड़ी है। राम मंदिर के शिखर पर लहराने वाली यह धर्मध्वजा न सिर्फ मंदिर का अलंकरण है, बल्कि सनातन संस्कृति की अनंत गरिमा, परंपरा और आस्था की एक उज्ज्वल प्रतीक है, जो पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति की दिव्यता का संदेश देगी।