Handicraft Chhattisgarh Expo : हस्तशिल्प, वन-उत्पाद और पारंपरिक कला ने खींचा देश-विदेश के खरीदारों का ध्यान

Handicraft Chhattisgarh Expo

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भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (Handicraft Chhattisgarh Expo) में मंगलवार को छत्तीसगढ़ पेवेलियन सबसे बड़ा आकर्षण बनकर उभरा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पेवेलियन का विस्तृत भ्रमण किया और वहां प्रदर्शित हस्तशिल्प, वनोपज, पारंपरिक कला और नवाचार आधारित उत्पादों की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ वैश्विक मंचों पर अपनी मजबूत पहचान लगातार दर्ज करा रहा है।

सीएम साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पारंपरिक कला, धातु शिल्प, हस्तनिर्मित उत्पाद और (Handicraft Chhattisgarh Expo) वनोपज आधारित सामग्रियों की देश-विदेश के खरीदारों के बीच बढ़ती मांग राज्य की स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देने वाला बड़ा संकेत है। उन्होंने कहा— “यह आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हमारे कारीगरों, वनवासियों और ग्रामीण उत्पादकों को जो राष्ट्रीय–अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल रही है, वह उनके सम्मान और आय दोनों को बढ़ाने में सहायक है।”

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से कोसा सिल्क, ढोकरा कला, बस्तर की जनजातीय कलाकृतियां, प्राकृतिक वन-आधारित उत्पाद, मिलेट फूड प्रोडक्ट्स, हर्बल उत्पाद, मूल्य संवर्धित लघु वनोपज तथा स्टार्टअप आधारित सूक्ष्म उद्यम मॉडलों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि इन उत्पादों की गुणवत्ता और मौलिकता ही इन्हें विशेष बनाती है, जिसके कारण विदेशी खरीदार भी बड़ी संख्या में रुचि दिखा रहे हैं।

पेवेलियन में बस्तर की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए लगाए गए विशेष सेक्शन ने आगंतुकों का खूब ध्यान खींचा। मुख्यमंत्री ने डिजिटल स्क्रीन पर प्रदर्शित डॉक्यूमेंट्री ‘बदलता बस्तर (आमचो बस्तर)’ को देखकर कहा कि इसमें नया, आधुनिक और प्रगतिशील बस्तर स्पष्ट रूप से नजर आता है।

उन्होंने कहा कि सरकार जनजातीय और ग्रामीण उत्पादों को बड़े बाजारों तक पहुंचाने के लिए निरंतर संस्थागत समर्थन, प्रशिक्षण और अंतरराष्ट्रीय स्तर के मंच उपलब्ध करा रही है। इस अवसर पर उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन, लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल, कमलेश जांगड़े सहित कई जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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