Naxal Surrender Chhattisgarh : 17 लाख की इनामी महिला नक्सली कमला सोड़ी ने किया समर्पण, लौट रही है समाज की मुख्यधारा में

Naxal Surrender Chhattisgarh

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17 लाख रुपये की इनामी हार्डकोर महिला नक्सली कमला सोड़ी उर्फ उंगी उर्फ तरूणा (आयु 30 वर्ष) ने गुरुवार को खैरागढ़-छुईखदान-गंडई (केसीजी) जिले के पुलिस अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। यह कदम छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 (Naxal Surrender Chhattisgarh) और विकासोन्मुखी शासन के प्रयासों की बड़ी सफलता माना जा रहा है।

कमला सोड़ी वर्ष 2011 से प्रतिबंधित नक्सल संगठन से जुड़ी रही। वह दंडकारण्य और एमएमसी (मध्य प्रदेश महाराष्ट्र छत्तीसगढ़) जोन में संगठन की सक्रिय सदस्य थी। उसने मिलिट्री विंग में भर्ती, प्रचार और पुलिस बलों पर हमले की योजना में भाग लिया था।

सुरक्षा बलों और जिला पुलिस के लगातार संवाद और प्रेरणा अभियान के चलते कई नक्सली अब मुख्यधारा में लौट रहे हैं। महिला नक्सली (Naxal Surrender Chhattisgarh) कमला सोड़ी ने भी इन्हीं प्रयासों से प्रभावित होकर हिंसा का मार्ग छोड़ दिया।

वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के माड़ डिवीजन, बस्तर एमएमसी जोन की कैडर थी और जोन प्रभारी रामदर की टीम की प्रमुख सदस्य रही है। छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा उस पर कुल 17 लाख रुपये का संयुक्त इनाम घोषित था। वह मूल रूप से ग्राम अरलमपल्ली, तहसील कोंटा, जिला सुकमा की निवासी है।

(Naxal Surrender Chhattisgarh) शासन की नीति से बदले हालात

छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 नक्सली प्रभावित जिलों में लगातार असर दिखा रही है। पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा ग्रामीण इलाकों में सिविक एक्शन प्रोग्राम, संवाद बैठकें और जनकल्याण योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। अब तक सैकड़ों नक्सली मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं। इन कार्यक्रमों के तहत न केवल विश्वास बहाली हो रही है, बल्कि युवाओं को रोज़गार, शिक्षा और सुरक्षा का भरोसा भी मिल रहा है।

(Naxal Surrender Chhattisgarh) प्रोत्साहन राशि और पुनर्वास सुविधाएं शुरू

कमला सोड़ी को आत्मसमर्पण के बाद छत्तीसगढ़ शासन की नक्सलवाद उन्मूलन नीति के तहत ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। इसके अलावा, पुनर्वास नीति-2025 के तहत आवास, आजीविका प्रशिक्षण और सुरक्षा संबंधी सुविधाएं देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से आगे की कार्रवाई के लिए पत्राचार किया गया है, जिससे वह समाज में पुनः आत्मनिर्भर जीवन शुरू कर सके।

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