नाबालिग से अनाचार करने वाले युवक को दस साल की कैद

नाबालिग से अनाचार करने वाले युवक को दस साल की कैद

महासमुंद । दसवीं कक्षा की सोलह साल की छात्रा को भगा ले जाने और अनाचार करने के अरोप में देवसराल गांव के युवक को दस साल का सश्रम कारावास और अलग-अलग धाराओं में चार हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया है। मामला सांकरा थाना क्षेत्र के ग्राम सानटेमरी का है। देवसराल के युवक संतोष पटेल 23 वर्ष पिता विश्राम पटेल ने नाबालिग छात्रा को शादी का प्रलोभन देकर अनाचार किया था।अभियोजन के अनुसार दसवीं कक्षा की सोलह वर्षीय छात्रा के पिता ने सांकरा थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी बेटी 10 मार्च 2018 को सुबह आठ बजे घर से दसवीं की परीक्षा देने सांकरा स्कूल गई थी। जो शाम तक वापस घर नहीं लौटी। आसपास पता-तलाश करने पर भी पता नहीं चला। उसकी सहेलियों से पूछने पर पता चला कि वह ग्राम देवसराल के संतोष से अक्सर बातचीत करती थी। इससे संदेह के आधार पर संतोष पटेल के विरूद्ध नाबालिग पुत्री को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने की रिपोर्ट दर्ज कराया। जिस पर पुलिस ने भादवि की धारा 363 के तहत मामला पंजीबद्ध कर खोजबीन किया। इस बीच 19 मार्च को किशोरी आरोपित युवक संतोष पटेल के कब्जे से बरामद हुई। जिस पर पुलिस ने चिकित्सकीय परीक्षण उपरांत भादवि की धारा 363,366,376 और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 04 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण न्यायालय में पेश किया।
दस साल की कैद
मामले की सुनवाई पूरी करते हुए लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश निधि शर्मा तिवारी ने सिद्धदोष पाए जाने पर संतोष पटेल को धारा 363 के तहत तीन वर्ष का सश्रम कारावास और एक हजार रुपये अर्थदंड, धारा 366 के तहत पांच वर्ष का सश्रम कारावास और एक हजार रुपये अर्थदंड तथा धारा 376 दो ढ के तहत दस वर्ष का सश्रम कारावास और दो हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर क्रमश: एक-एक और दो माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताया जाएगा। सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी। इस लिहाज से अभियुक्त को दस साल की कैद भुगतनी होगी।

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