Madhya Pradesh Startup Growth : मध्य प्रदेश बना स्टार्टअप्स का नया पावरहाउस, 4.26 लाख विनिर्माण इकाइयों और 47% महिला नेतृत्व ने बदली तस्वीर

Madhya Pradesh Startup Growth

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Madhya Pradesh Startup Growth : मध्य प्रदेश अब केवल ‘हार्ट ऑफ इंडिया’ नहीं, बल्कि भारत के नए इनोवेशन पावरहाउस के रूप में उभर रहा है। बीते तीन वर्षों में प्रदेश में विनिर्माण इकाइयों की संख्या 4 लाख 26 हजार से अधिक पहुंच चुकी है, जबकि महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स में 47 प्रतिशत की वृद्धि ने नई आर्थिक दिशा तय कर दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में लागू की गई निवेश मित्र नीति और स्टार्टअप प्रोत्साहन योजनाओं ने एमएसएमई (MSME) और उद्यमिता क्षेत्र को नई रफ्तार दी है।

विनिर्माण क्षेत्र में रिकॉर्ड विस्तार

वर्ष 2022-23 में जहाँ 67,332 विनिर्माण इकाइयाँ पंजीकृत थीं, वहीं 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 89,317 और 2024-25 में 1,13,696 तक पहुँच गई। अब तक प्रदेश में कुल 4,26,230 विनिर्माण इकाइयाँ सक्रिय हैं। राज्य में 20.43 लाख एमएसएमई इकाइयाँ कार्यरत हैं, जिनमें 20.22 लाख सूक्ष्म, 19,508 लघु और 1,178 मध्यम उद्योग शामिल हैं। एमएसएमई सेक्टर न केवल राज्य की जीडीपी में 30 प्रतिशत योगदान दे रहा है, बल्कि 1 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार भी प्रदान कर रहा है।

स्टार्टअप्स का उभरता ईकोसिस्टम

प्रदेश में अब तक 6000 से अधिक स्टार्टअप्स पंजीकृत हो चुके हैं। इनमें से लगभग 2900 (47%) महिला उद्यमियों के हैं। यह आंकड़ा बताता है कि मध्यप्रदेश का स्टार्टअप वातावरण केवल तकनीकी नहीं, बल्कि समावेशी और महिला-सशक्त भी बन चुका है। राज्य में वर्तमान में 100 से अधिक इनक्यूबेटर सेंटर कार्यरत हैं जिनमें 7 स्मार्ट सिटी इनक्यूबेटर, 4 अटल सेंटर, 2 टेक्नोलॉजी बिजनेस इंटर इनक्यूबेटर, 1 एपेरल सेंटर (ग्वालियर), 2 एग्री इनक्यूबेटर (ग्वालियर और जबलपुर) और 3 सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (ग्वालियर, भोपाल, इंदौर) शामिल हैं।

नई स्टार्टअप नीति 2025, युवाओं के सपनों को पंख

प्रदेश सरकार ने स्टार्टअप नीति 2025 के तहत कई प्रावधान लागू किए हैं

30 लाख रुपये तक का सीड फंड अनुदान

100 करोड़ रुपये का कैपिटल फंड

50% किराया सहायता (अधिकतम ₹10,000 प्रतिमाह)

घरेलू पेटेंट के लिए ₹5 लाख और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के लिए ₹20 लाख तक की सहायता

EIR प्रोग्राम के तहत नए उद्यमियों को ₹10,000 प्रतिमाह तक की वित्तीय मदद

इन प्रावधानों का मकसद है कि युवा उद्यमी “जॉब सीकर नहीं, जॉब क्रिएटर” बनें।

महिला उद्यमिता और नवाचार को विशेष बढ़ावा

राज्य की नई नीति में महिला-नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को अतिरिक्त सहायता, लीज रेंट सब्सिडी, ब्रांड प्रमोशन और निवेश समर्थन जैसे प्रावधान दिए गए हैं। महिलाएं अब कृषि, टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर, हैंडलूम और फूड प्रोसेसिंग जैसे विविध क्षेत्रों में स्टार्टअप चला रही हैं जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और शहरी उद्योग दोनों में संतुलन बन रहा है।

योजना के अंतर्गत सभी जिलों में इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। नर्मदापुरम्, राजगढ़, रायसेन, अशोकनगर, हरदा, विदिशा और भोपाल जिलों में एमएसएमई इनोवेशन-सह-इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना को स्वीकृति दी जा चुकी है। इसके अलावा, एक मेगा इनक्यूबेशन सेंटर भी बनाया जा रहा है, जिसके सैटेलाइट सेंटर अन्य औद्योगिक नगरों में स्थापित होंगे।

ग्लोबल स्टार्टअप हब की ओर बढ़ता मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का विजन स्पष्ट है “मध्यप्रदेश को ग्लोबल स्टार्टअप हब बनाना।” राज्य सरकार स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता, निवेशक नेटवर्क, तकनीकी मार्गदर्शन और बौद्धिक संपदा संरक्षण की दिशा में कार्य कर रही है। इस पहल से आने वाले वर्षों में लाखों रोजगार सृजित होने की संभावना है।

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