Raipur Visakhapatnam Economic Corridor : रफ्तार का कारिडोर – रायपुर से विशाखापट्टनम अब सिर्फ सात घंटे की दूरी पर
Raipur Visakhapatnam Economic Corridor
Raipur Visakhapatnam Economic Corridor : राजधानी रायपुर जल्द ही देश के तेज़ी से विकसित हो रहे लॉजिस्टिक और व्यापारिक केंद्रों में शामिल होने जा रही है। भारतमाला परियोजना के तहत बन रहा रायपुर–विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कारिडोर राज्य के लिए “रफ्तार का नया रास्ता” साबित होगा। करीब 40 हजार करोड़ रुपए की लागत वाली 23 बड़ी परियोजनाओं में यह सबसे प्रमुख है।
465 किलोमीटर लंबा यह सिक्स-लेन एक्सप्रेस-वे तीन राज्यों – छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश – से होकर गुजरेगा। इसके पूरी तरह चालू होने पर राजधानी रायपुर से विशाखापट्टनम की यात्रा का समय 12 घंटे से घटकर केवल सात घंटे रह जाएगा।
तेजी से बढ़ता निर्माण, 80% काम पूरा
एनएचएआई के रीजनल ऑफिसर प्रदीप कुमार लाल के अनुसार, परियोजना का लगभग 80 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। छत्तीसगढ़ के हिस्से में 125 किलोमीटर सड़क का निर्माण चल रहा है, जिस पर 4,146 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
यह मार्ग व्यापार, उद्योग, पर्यटन और रोज़गार – चारों क्षेत्रों के लिए नए अवसर खोलेगा। यात्रा समय घटने से माल परिवहन सस्ता और तेज़ होगा, जिससे प्रदेश की औद्योगिक लागत में कमी आएगी और निवेश (Raipur Visakhapatnam Economic Corridor) की संभावनाएं बढ़ेंगी।
पहाड़ों में सुरंग, सफर होगा और आरामदायक
केशकाल की पहाड़ियों के बीच 2.7 किलोमीटर लंबी सिक्स-लेन टनल इस एक्सप्रेस-वे का सबसे तकनीकी हिस्सा है। बायीं सुरंग पूरी हो चुकी है, जबकि दायीं सुरंग का निर्माण अंतिम चरण में है। यह मार्ग दुधावा डैम से होते हुए कांकेर, केशकाल की घाटियों से गुजरते हुए ओडिशा के सलना-पलना क्षेत्र में प्रवेश करेगा।
इंजीनियरों के अनुसार, यह खंड न केवल संरचनात्मक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण था, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी बेहद संवेदनशील क्षेत्र से गुजरता है, इसलिए निर्माण के दौरान हर स्तर पर संतुलन (Raipur Visakhapatnam Economic Corridor) बरता गया है।
व्यापार, पर्यटन और रोजगार – तीनों को मिलेगा बूस्ट
परियोजना के पूर्ण होने के बाद रायपुर और विशाखापट्टनम के बीच व्यापारिक, पर्यटन और औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आएगी। समुद्री बंदरगाह और छत्तीसगढ़ के औद्योगिक क्षेत्र को जोड़ने से लॉजिस्टिक लागत में भारी कमी आएगी।
पर्यटन क्षेत्र के लिए भी यह मार्ग वरदान साबित होगा – केशकाल घाटी, दुधावा डैम और कांकेर जैसे स्थलों तक यात्रियों की पहुँच और आसान हो जाएगी।
फैक्ट फाइल: रायपुर–विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरिडोर
| विशेषता | विवरण |
|---|---|
| कुल लंबाई | 465 किलोमीटर |
| छत्तीसगढ़ में लंबाई | 125 किलोमीटर |
| ओडिशा में लंबाई | 240 किलोमीटर |
| आंध्र प्रदेश में लंबाई | 100 किलोमीटर |
| कुल लागत (एनएचएआई) | ₹16,491 करोड़ |
| छत्तीसगढ़ हिस्से की लागत | ₹4,146 करोड़ |
| टनल की लंबाई | 2.7 किलोमीटर (केशकाल पहाड़ियों में) |
| वर्तमान स्थिति | लगभग 80% कार्य पूरा |
| लक्षित पूर्णता | अप्रैल 2026 |
| यात्रा समय | 12 घंटे → 7 घंटे |
