Drug Contamination : खांसी के बाद अब पेट साफ करने वाली सीरप में भी मिली गड़बड़ी

Drug Contamination
Drug Contamination : राजस्थान में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दी जाने वाली खांसी की दवा से चार बच्चों की मौत और दो दर्जन से अधिक लोगों के बीमार होने के बाद अब (Drug Contamination) पेट साफ करने वाली दवा में भी गड़बड़ी का मामला सामने आया है। जयपुर के सरकारी जयपुरिया अस्पताल में मरीजों को दी गई लैक्टुलोज साल्युशन सीरप में फंगस पाए जाने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। इसके बाद दवा की आपूर्ति तत्काल रोक दी गई है और संबंधित दवा के बैच को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है।
फंगस मिला पेट साफ करने वाली दवा में
जानकारी के अनुसार, अस्पताल के चिकित्सकों ने हाल ही में पहुंचे (Drug Contamination) लैक्टुलोज साल्युशन सीरप के स्टॉक की जांच की, जिसमें बोतलों के अंदर फंगस जैसी गंदगी दिखाई दी। जब चिकित्सकों ने बोतल खोली, तो उसमें स्पष्ट रूप से फफूंद जैसी परत मौजूद थी। यह दवा यूनिक्योर इंडिया लिमिटेड कंपनी द्वारा बनाई गई है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने तत्काल डा. विनोद गुप्ता और डा. राजेंद्र वर्मा की दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है। समिति को सात दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
दो अन्य दवाओं पर भी संदेह
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में आपूर्ति की जा रही दो अन्य दवाओं में भी (Drug Contamination) गड़बड़ी की संभावना जताई गई है। हालांकि, फिलहाल उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। राज्य के चिकित्सा विभाग ने सभी जिलों के CMHO को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने-अपने जिले में सप्लाई हुई दवाओं के बैच की तत्काल जांच करें और किसी भी प्रकार की संदिग्ध दवा को वितरण से रोकें।
खांसी की दवा से चार बच्चों की मौत का मामला अभी जारी जांच में
वहीं, खांसी की दवा डेक्सट्रोमेथाफन हाइड्रोब्रोमाइड के सेवन से चार बच्चों की मौत और दो दर्जन से अधिक बच्चों के बीमार होने के मामले में कंपनी केयांस फार्मा के खिलाफ जांच जारी है। मंगलवार को केंद्रीय आयुष कमेटी ने जयपुर स्थित केयांस कंपनी की फैक्ट्री पर छापा मारकर कई अहम सबूत जब्त किए। राज्य सरकार ने भी इस मामले की (Drug Contamination) स्वतंत्र जांच के आदेश दिए हैं। बताया गया है कि इस दवा के कई बैच संदिग्ध पाए गए हैं, जिन्हें बाजार से वापस मंगवाया जा रहा है।
जांच के बाद हो सकती है बड़ी कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यदि जांच में यह साबित होता है कि यूनिक्योर इंडिया लिमिटेड या किसी अन्य कंपनी की दवाएं मानक के अनुरूप नहीं हैं, तो उनके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार ने मेडिकल स्टोर्स, अस्पतालों और गोदामों में रखी सभी बैचों की सूची मांगी है। फिलहाल प्रदेश के कई जिलों से भी इसी प्रकार के (Drug Contamination) मामलों की जानकारी मिलने की संभावना जताई जा रही है।