Festive Season Sales : जीएसटी कटौती और नवरात्रि की रौनक से 10 साल का रिकॉर्ड टूटा, कार-इलेक्ट्रॉनिक्स में बंपर डिमांड

Festive Season Sales
Festive Season Sales : भारत की उपभोक्ता अर्थव्यवस्था ने इस नवरात्रि सीजन (Festive Season Sales) में एक दशक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बनाया है। मोदी सरकार के नए वस्तु और सेवाकर (जीएसटी) सुधारों ने इस त्योहारी सीजन को और खास बना दिया। कर दरों में कटौती और उत्पादों को अधिक किफायती बनाने से उपभोक्ताओं की खरीद क्षमता बढ़ी। परिवारों ने बड़े पैमाने पर वाहनों को अपग्रेड किया, घरेलू उपकरण खरीदे और लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स पर खर्च किया, जिससे इस नवरात्रि पर खपत ने रिकॉर्ड तोड़ ऊंचाई छू ली।
ऑटोमोबाइल सेक्टर की ऐतिहासिक छलांग
मारुति सुजुकी की नवरात्रि बिक्री (Festive Season Sales) पिछले साल के मुकाबले दोगुनी रही। कंपनी ने 3.5 लाख कारों की बुकिंग दर्ज की, जिनमें से 2 लाख गाड़ियों की डिलीवरी इस सीजन में करने का भरोसा है। केवल पहले 8 दिनों में ही 1.65 लाख गाड़ियों की आपूर्ति की गई और पहले दिन 30,000 कारों की डिलीवरी का रिकॉर्ड बना।
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने एक्सयूवी700 और स्कॉर्पियो एन जैसी एसयूवी की बदौलत 60% ग्रोथ दर्ज की।
हीरो मोटोकॉर्प के शोरूम में ग्राहक संख्या दोगुनी हो गई, जबकि टाटा मोटर्स ने पंच, नेक्सन और टियागो जैसे मॉडलों के दम पर 50,000 से ज्यादा गाड़ियां बेचीं।
बजाज ऑटो ने भी इस सीजन में मजबूत बिक्री दर्ज की।
इलेक्ट्रॉनिक्स की चमक(Festive Season Sales)
इलेक्ट्रॉनिक्स सेगमेंट में एलजी, हायर और गोदरेज जैसी कंपनियों ने डबल डिजिट ग्रोथ दर्ज की।
हायर की बिक्री 85% तक बढ़ी और बड़े टीवी मॉडल लगभग आउट ऑफ स्टॉक हो गए।
रिलायंस रिटेल ने पिछले साल के मुकाबले 20–25% ज्यादा बिक्री की, जिसमें बड़े स्क्रीन टीवी, स्मार्टफोन और फैशन प्रोडक्ट्स ने सबसे ज्यादा योगदान दिया। विजय सेल्स और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने भी 20% से ज्यादा ग्रोथ दर्ज की।
जीएसटी सुधारों का असर
सरकार ने जीएसटी कर ढांचे को सरल बनाते हुए जरूरी और लग्जरी दोनों तरह की वस्तुओं पर टैक्स कम किया। इस कदम से उपभोक्ताओं में खरीदारी का आत्मविश्वास बढ़ा और नवरात्रि सीजन में 25% से 100% तक की बिक्री वृद्धि दर्ज की गई। ब्रांड्स और रिटेलर्स दोनों को इसका सीधा फायदा हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि ओणम, दुर्गा पूजा और दशहरा जैसे त्यौहारों से जुड़े पहले हिस्से में ही कुल त्योहारी बिक्री का 40-45% हिस्सा होता है। ऐसे में यह सीजन भारत की उपभोक्ता अर्थव्यवस्था (Festive Season Sales) के लिए सबसे बड़ा प्रोत्साहन साबित हुआ है।