Skill Development : केंद्र और राज्यों की मजबूत कदमताल, अब युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार की नई आस

Skill Development
Skill Development : रोजगार के बाजार में तेजी से हो रहे बदलावों को देखते हुए विशेषज्ञों और उद्योग जगत का मानना है कि युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के योग्य बनाने के लिए कौशल विकास (Skill Development) पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। कौशल की अहमियत को समझते हुए मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय का गठन किया और कई योजनाएं शुरू कीं। हालांकि शुरुआती वर्षों में अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आए। इसका एक बड़ा कारण यह रहा कि राज्यों ने लंबे समय तक इस दिशा में ठोस रुचि नहीं दिखाई।
अब हालात बदल रहे हैं। वर्ष 2018-19 की तुलना में 2024-25 में राज्यों की भागीदारी में 79 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे यह उम्मीद जगी है कि कौशल विकास (Skill Development) का असर अब जमीन पर तेजी से दिखने लगेगा।
मिशन के रूप में कौशल विकास
केंद्र सरकार ने वर्ष 2014-15 से कौशल विकास को एक मिशन के रूप में संचालित किया। लेकिन बाद में यह महसूस हुआ कि केवल केंद्र स्तर पर योजनाएं बनाना पर्याप्त नहीं होगा। उद्योग जगत और विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि स्थानीय उद्योगों और आर्थिक ढांचे को देखते हुए राज्य और जिला स्तर पर कौशल विकास (Skill Development) योजनाएं बननी चाहिए। इसी सोच के तहत केंद्र ने 18 जनवरी 2018 को विश्व बैंक की वित्तीय सहायता से “संकल्प” कार्यक्रम शुरू किया।
इसका उद्देश्य राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कौशल विकास प्रबंधन और निगरानी को मजबूत करना था। इस पहल के तहत जिला स्तर पर योजनाएं बनाने के लिए जिला कौशल समितियों (डीएससी) का गठन किया गया।
रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट बताती है कि शुरुआती वर्षों में अधिकांश राज्यों का रुख ठंडा रहा। वित्त वर्ष 2018-19 में जहां केवल 223 जिला कौशल विकास योजनाएं थीं, वहीं 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 746 हो गई। यह 235 प्रतिशत की वृद्धि है।
राज्यों की भागीदारी पर नजर डालें तो 2018-19 में केवल 19 राज्यों में ही जिला स्तर पर योजनाएं तैयार हो रही थीं। लेकिन 2024-25 में यह संख्या 34 हो गई है, यानी 79 प्रतिशत की वृद्धि। यह सुधार दर्शाता है कि स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार अब जिला स्तर पर स्किल गैप की पहचान की जा रही है।
भविष्य की उम्मीदें
मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि चूंकि अब केंद्र सरकार भी स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखकर योजनाएं तैयार कर रही है, इसलिए आने वाले समय में कौशल विकास (Skill Development) का असर तेजी से दिखाई देगा। राज्यों की सक्रिय भागीदारी से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि युवाओं के लिए स्वरोजगार की नई राह भी खुलेगी।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर राज्यों की यह प्रतिबद्धता बनी रहती है तो देश के लाखों युवाओं को नई दिशा मिलेगी। स्थानीय उद्योगों को प्रशिक्षित और कुशल जनशक्ति मिलने से उत्पादन क्षमता और प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी। वहीं ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में कौशल विकास (Skill Development) योजनाओं के जरिए स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे पलायन की समस्या भी काफी हद तक कम होगी।