Ration Scam : दो राशन दुकानों से 19 लाख का चावल-शक्कर गायब, तीन साल बाद Fir, परदे के पीछे छिपा बड़ा खेल?

Ration Scam : दो राशन दुकानों से 19 लाख का चावल-शक्कर गायब, तीन साल बाद Fir, परदे के पीछे छिपा बड़ा खेल?

Ration Scam

Ration Scam

Ration Scam : राजधानी रायपुर के खमतराई क्षेत्र की दो सरकारी राशन दुकानों में हुई गड़बड़ी ने प्रशासन और खाद्य विभाग की नींद उड़ा दी है। तीन साल तक दबे रहे इस मामले में अब जाकर कलेक्टर के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है। जांच में सामने आया कि दुकानों से करीब 19 लाख रुपये मूल्य का चावल और शक्कर गायब है। यह पूरा मामला (Ration Scam) के रूप में अब सुर्खियों में है।

खाद्य विभाग की जांच रिपोर्ट के मुताबिक, मां कंकाली महिला स्व सहायता समूह द्वारा संचालित दो राशन (Ration Scam) दुकानों में वर्ष 2022-23 के दौरान 464.28 क्विंटल चावल और 3.95 क्विंटल शक्कर की कमी पाई गई। इसका कुल मूल्य 19 लाख रुपये से अधिक आंका गया। विभाग ने दुकानों की आईडी क्रमांक 441001194 और 441001014 की पहचान की। पहली दुकान से 222.69 क्विंटल चावल और 3.24 क्विंटल शक्कर, जबकि दूसरी दुकान से 241.59 क्विंटल चावल और 0.71 क्विंटल शक्कर कम मिली। कलेक्टर ने आदेश दिया कि यदि राशि जमा नहीं कराई गई तो एफआईआर दर्ज की जाए, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।

आरोपी महिला का पलटवार

इस मामले में शशि सोनी नामक महिला को समूह की अध्यक्ष बताते हुए खाद्य विभाग ने अपराध दर्ज कराया। हालांकि शशि का कहना है कि उन्हें फर्जी दस्तावेजों के जरिए अध्यक्ष दिखाया गया और बार-बार फोन कर डराकर चार लाख रुपये की जबरन वसूली की गई। उनका आरोप है कि (Ration Scam) की आड़ में उन्हें और उनके पति जनक सोनी को फंसाने की साजिश रची गई।

शशि ने यह भी दावा किया कि वे तो 30 अप्रैल 2025 से अध्यक्ष बनी हैं, जबकि गड़बड़ी उस अवधि में हुई जब कमला नायडू अध्यक्ष थीं। शशि ने इस संबंध में दस्तावेज कलेक्टर को सौंपे और कहा कि अगर निष्पक्ष जांच हुई तो करोड़ों का बड़ा गोलमाल सामने आएगा।

जनदर्शन में भी उठी आवाज

शशि सोनी ने कलेक्टोरेट के जनदर्शन कार्यक्रम में भी शिकायत दर्ज कराई थी। कलेक्टर ने दस्तावेज देखकर उचित कार्रवाई (Ration Scam) का आश्वासन दिया था, लेकिन इसके बावजूद बिना गहराई से जांच किए एफआईआर दर्ज कराई गई। महिला ने खुद को निर्दोष बताते हुए थाना प्रभारी को लिखित शिकायत दी है और असली आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। अब यह मामला सिर्फ 19 लाख रुपये के चावल और शक्कर की गड़बड़ी तक सीमित नहीं रह गया, बल्कि यह सवाल खड़ा कर रहा है कि आखिर किन कारणों से (Ration Scam) जैसे गंभीर मुद्दे को तीन साल तक दबाए रखा गया। क्या इसमें विभागीय मिलीभगत है या किसी बड़े खेल को छिपाया गया?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *