Suspension News : स्वेच्छाचारिता और लापरवाही पर प्रभारी छात्रावास अधीक्षक निलंबित

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Suspension News : आकस्मिक निरीक्षण के दौरान छात्रावास में अव्यवस्था और अनियमितता पाए जाने के साथ ही प्रभारी अधीक्षक द्वारा अपने दायित्वों में स्वेच्छाचारिता एवं लापरवाही (Negligence Case) बरते जाने पर प्री-मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास अंधियारखोह विकासखंड गौरेला के प्रभारी अधीक्षक नोहर सिंह ध्रुव (सहायक शिक्षक एलबी) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि 13 सितम्बर 2025 को शाम 6 बजे छात्रावास के आकस्मिक निरीक्षण (Surprise Inspection) में गंभीर खामियां मिलीं। छात्रावास में अनुशासनहीनता और जिम्मेदारी निभाने में गंभीर लापरवाही पाई गई। इस पर सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम 1966 के नियम-9 के तहत निलंबन आदेश जारी किया गया। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी गौरेला नियत किया गया है तथा उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।

मंत्री ने दिए जांच के निर्देश

आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने हाल ही में प्रयास विद्यालयों में सामग्री खरीदी से जुड़ी खबरों को गंभीरता से लिया। सोशल मीडिया पर आए आरोपों को देखते हुए उन्होंने प्रमुख सचिव आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग को 7 दिन में जांच कर वस्तुस्थिति (Inquiry Report) प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

गौरतलब है कि प्रयास विद्यालयों में रोटी मेकिंग मशीन, कंप्यूटर, कंप्यूटर टेबल, कुर्सी और अन्य उपकरण शासन द्वारा भेजी गई राशि से खरीदे गए थे। इस पूरी प्रक्रिया पर पारदर्शिता को लेकर सवाल उठे हैं। मंत्री ने स्पष्ट कहा कि यदि किसी भी स्तर पर गड़बड़ी (Irregularities in Purchase) पाई गई, तो जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

विभागीय अधिकारियों पर सख्ती

कलेक्टर ने बैठक में यह भी कहा कि छात्रावासों में बच्चों की सुविधा और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि छात्रावासों का समय-समय पर निरीक्षण (Hostel Monitoring) हो, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न बने।

यह मामला केवल छात्रावास तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रयास विद्यालयों (Government Schools Review) की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर रहा है। अब यह देखना होगा कि जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद किस स्तर पर जिम्मेदारी तय होती है और क्या कदम उठाए जाते हैं।

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