Maoist Rehabilitation Policy : अबूझमाड़ में बड़ा बदलाव…12 माओवादियों ने हथियार डाले…18 लाख के इनाम से जुड़ी फाइल बंद…

Maoist Rehabilitation Policy : अबूझमाड़ में बड़ा बदलाव…12 माओवादियों ने हथियार डाले…18 लाख के इनाम से जुड़ी फाइल बंद…

Maoist Rehabilitation Policy

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Maoist Rehabilitation Policy : छत्तीसगढ़ के दुर्गम अबूझमाड़ क्षेत्र से बुधवार को एक बड़ी खबर सामने आई। यहाँ सक्रिय 12 माओवादी कैडरों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से कई लंबे समय से पुलिस की वांछित सूची में थे और उन पर कुल 18 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

समर्पण करने वालों में पाँच–पाँच लाख के इनामी एरिया कमेटी सदस्य माडवी आयतु उर्फ गग्गा और माडवी देवा उर्फ जोगा, तीन लाख की इनामी सीएनएम अध्यक्ष कमली उर्फ पद्मी, दो लाख की इनामी जनताना सरकार अध्यक्ष माडवी हिडमा, साथ ही मिलिट्री प्लाटून सदस्य, पीपीसीएम, मिलिशिया कमांडर और अन्य सक्रिय कैडर शामिल हैं।

पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण (Maoist Rehabilitation Policy) करने वाले माओवादियों ने पूछताछ में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उनका कहना है कि शीर्ष कैडर ही आदिवासियों के सबसे बड़े दुश्मन हैं, जो जल-जंगल-जमीन और न्याय के नाम पर ग्रामीणों को गुमराह कर अपना गुलाम बनाए रखते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि महिला माओवादियों का शारीरिक और मानसिक शोषण आम बात है, जबकि निचले स्तर के कैडरों को लगातार दबाव और भय में रखा जाता है।

पुनर्वास योजना का लाभ

आत्मसमर्पण के बाद सभी माओवादियों (Maoist Rehabilitation Policy) को पुनर्वास नीति के तहत 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि का चेक दिया गया। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि उन्हें सरकारी योजनाओं और अन्य लाभों से भी जोड़ा जाएगा ताकि वे मुख्यधारा में नया जीवन शुरू कर सकें।

आंकड़े और पुलिस की प्रतिक्रिया

सिर्फ इस साल की बात करें तो अब तक 177 माओवादी नारायणपुर पुलिस के सामने समर्पण कर चुके हैं।
आईजीपी सुंदरराज पी. ने कहा, “भारी नुकसान झेल रहे माओवादी अब हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने के अलावा कोई रास्ता नहीं देख पा रहे हैं। यह कदम उनके और समाज दोनों के लिए सकारात्मक बदलाव साबित होगा।”

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