Gold Hallmarking : सोने खरीदते समय उपभोक्ताओं को क्या सतर्कता बरतनी जरूरी: कमल सोनी

Gold Hallmarking
Gold Hallmarking : त्यौहारों का मौसम आते ही बाजारों में सोने-चांदी के आभूषणों की खरीदारी तेज हो जाती है। महिलाएं खासतौर पर इस मौके पर नई ज्वैलरी खरीदना पसंद करती हैं। इसी दौरान ज्वैलर्स की ओर से कई आकर्षक ऑफर भी दिए जाते हैं। लेकिन, इन ऑफर्स के चक्कर में उपभोक्ताओं को सतर्क रहना जरूरी है, क्योंकि शुद्धता को लेकर गड़बड़ी की आशंका हमेशा बनी रहती है। इसी विषय पर छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल सोनी ने नवप्रदेश से बातचीत में विस्तार से बताया कि सोना खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
हॉलमार्किंग मानक
सोनी ने बताया कि ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) ने सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है। हॉलमार्किंग उपभोक्ताओं को शुद्धता की गारंटी देती है और आभूषण उद्योग में पारदर्शिता लाती है।
मान्यता प्राप्त शुद्धता स्तर इस प्रकार हैं-
14 के (585),
18 के (750),
22 के (916),
23 के (958)।
हॉलमार्किंग में तीन प्रमुख निशान होते हैं – बीआईएस मार्क, सोने का कैरेट स्तर, और अस्सेइंग व हॉलमार्किंग सेंटर का पहचान चिह्न या एचयूआईडी नंबर। (gold hallmarking, BIS certified jewelry)
एचयूआईडी नंबर
प्रत्येक आभूषण पर एक 6 अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड यानी HUID दर्ज होता है। यह कोड आभूषण की शुद्धता और विशिष्टता को सुनिश्चित करता है।
हॉलमार्किंग के लाभ
उपभोक्ताओं को शुद्धता की गारंटी मिलती है।
ज्वैलरी उद्योग में गुणवत्ता नियंत्रण और मानकीकरण को बढ़ावा मिलता है।
आभूषणों की विश्वसनीयता और पुनर्विक्रय मूल्य (resale value of gold jewelry) बढ़ता है।
हॉलमार्किंग नियम
केवल वही ज्वैलर्स हॉलमार्क आभूषण बेच सकते हैं जो बीआईएस से पंजीकृत हैं।
ज्वैलर्स को अपने आभूषणों की गुणवत्ता की जिम्मेदारी लेनी होती है।
हॉलमार्किंग सेंटर बीआईएस से मान्यता प्राप्त होने चाहिए और वे समय-समय पर जांच करते हैं।
एचयूआईडी के फायदे
विशिष्टता की पहचान – HUID प्रत्येक आभूषण को एक यूनिक पहचान देता है।
शुद्धता की गारंटी – HUID नंबर उपभोक्ताओं को सोने की गुणवत्ता और शुद्धता की पुष्टि करता है।
नकली आभूषणों से बचाव – चूंकि हर आभूषण का कोड अलग होता है, इससे नकली ज्वैलरी की पहचान आसान हो जाती है। (fake gold jewelry check, purity verification)
एचयूआईडी का उपयोग
खरीदते समय – उपभोक्ता एचयूआईडी नंबर देखकर और बीआईएस वेबसाइट पर दर्ज करके आभूषण की वास्तविकता की पुष्टि कर सकते हैं।
बेचते समय – ज्वैलर्स भी इस कोड के आधार पर शुद्धता और मौलिकता की पुष्टि कर सकते हैं।
एचयूआईडी की जांच कैसे करें
बीआईएस की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
वहां एचयूआईडी नंबर दर्ज करें और जांचें कि आभूषण असली व हॉलमार्क वाला है या नहीं।
सोनी ने बताया कि उपभोक्ताओं को हमेशा हॉलमार्क वाले आभूषण ही खरीदने चाहिए, क्योंकि यह न केवल शुद्धता की गारंटी देता है बल्कि भविष्य में आभूषण बेचने पर उचित मूल्य भी सुनिश्चित करता है।