Investment Boost Bastar : बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट में 967 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव, 2100 से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार

Investment Boost Bastar : बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट में 967 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव, 2100 से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार

Investment Boost Bastar

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Investment Boost Bastar : बस्तर अब निवेश और विकास की नई पहचान बन रहा है। बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट में 967 करोड़ से अधिक के प्रस्ताव आए हैं, जिनसे 2100 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। यह सफलता (Investment Boost Bastar) की दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों का नतीजा मानी जा रही है।

रेल और सड़क परियोजनाओं पर बड़ा फोकस किया गया है। सरकार ने ₹5,200 करोड़ की रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें रावघाट–जगदलपुर नई रेल लाइन और केके रेल लाइन का दोहरीकरण शामिल है। बेहतर कनेक्टिविटी से (Infrastructure Development) को गति मिलेगी और व्यापार व पर्यटन में वृद्धि होगी।

तीसरे पैराग्राफ में बात बस्तर की आती है। यहाँ ₹2300 करोड़ की सड़क परियोजनाएँ स्वीकृत हुई हैं। धमतरी–कांकेर–कोंडागांव–जगदलपुर के साथ वैकल्पिक मार्ग का निर्माण हो रहा है। यह नेटवर्क (Road Connectivity) को मजबूत करेगा और नक्सल प्रभावित इलाकों तक योजनाओं की पहुँच सुनिश्चित करेगा।

बड़े सार्वजनिक निवेशों में एनएमडीसी द्वारा ₹43,000 करोड़ और सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के लिए ₹200 करोड़ शामिल हैं। इसके अलावा निजी निवेश भी बढ़ा है। लगभग ₹1000 करोड़ का निजी निवेश (Private Sector Growth) में दर्ज हुआ है। इससे सेवा क्षेत्र और एमएसएमई को गति मिलेगी।

स्वास्थ्य क्षेत्र में भी ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। जगदलपुर में 350 बेड का पहला निजी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज बनने जा रहा है। इस पर 550 करोड़ का निवेश होगा और 200 से अधिक रोजगार अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही कई मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पतालों के निर्माण से (Healthcare Expansion) को बल मिलेगा।

खाद्य प्रसंस्करण और कृषि क्षेत्र में बीजापुर, नारायणपुर और कोंडागांव में आधुनिक राइस मिल और फूड प्रोसेसिंग इकाइयां लग रही हैं। पार्श्वा एग्रीटेक की परियोजना से (Agri Value Addition) को प्रोत्साहन मिलेगा और किसानों को सीधा लाभ होगा। पर्यटन और वेलनेस सेक्टर भी पीछे नहीं है। नमन् क्लब एंड वेलनेस सेंटर और कई रिज़ॉर्ट्स बस्तर की संस्कृति व प्राकृतिक सुंदरता को राष्ट्रीय मंच पर ले जाएंगे। इससे (Tourism Development) और तेज़ी से बढ़ेगा।

डेयरी, फर्नीचर और औद्योगिक इकाइयों में भी निवेश हो रहा है। शंकरा लेटेक्स इंडस्ट्रीज सर्जिकल ग्लव्स निर्माण इकाई ला रही है। इससे (Industrial Growth) को दिशा मिलेगी और स्थानीय युवाओं को अवसर मिलेंगे।

केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएँ जैसे पीएमएफएमई और पीएमईजीपी, छोटे उद्यमियों को भी आगे बढ़ा रही हैं। इन योजनाओं से (Entrepreneurship Support) को मजबूती मिल रही है और महिलाओं व युवाओं को आत्मनिर्भरता का अवसर मिल रहा है। नई पुनर्वास नीति ने आत्मसमर्पित नक्सलियों के जीवन में नई शुरुआत की है। तीन साल की मासिक सहायता, जमीन और प्रशिक्षण जैसे लाभ दिए जा रहे हैं। यह (Social Empowerment) बस्तर को स्थायी शांति की ओर ले जा रहा है। अंततः बस्तर अब नक्सल प्रभाव से निकलकर विकास, निवेश और विश्वास की पहचान बन चुका है। यह क्षेत्र अब पूरे देश के लिए (Inclusive Growth) का मॉडल बन रहा है।

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