Dharparoom Kanker Tourism : कांकेर की घाटियों में उभरता नया पर्यटन स्थल…प्राकृतिक वैभव और पुरातात्विक रहस्यों का संगम…

Dharparoom Kanker Tourism
Dharparoom Kanker Tourism : छत्तीसगढ़ का कांकेर जिला अब केवल अपनी घनी वनों और पारंपरिक संस्कृति के लिए ही नहीं, बल्कि पर्यटन के नए आकर्षण के रूप में भी तेजी से पहचान बना रहा है। पहाड़ों और झरनों से घिरा ‘धारपारूम’ यहां का नया उभरता हुआ पर्यटन स्थल है, जो प्रकृति प्रेमियों और रोमांच के शौकीनों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं।
जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत पीढ़ापाल के समीप स्थित यह इलाका मनोरम घाटियों, प्राकृतिक झरनों, रहस्यमयी गुफाओं और शैलचित्रों के कारण पर्यटकों का ध्यान खींच रहा है। स्थानीय ग्रामीण सामुदायिक स्तर पर इस स्थल का संचालन(Dharparoom Kanker Tourism) कर रहे हैं, और यही वजह है कि यहाँ पर्यटन केवल सैर-सपाटे तक सीमित न होकर ग्रामीण भागीदारी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर रहा है।
कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर और जिला पंचायत सीईओ हरेश मंडावी ने हाल ही में धारपारूम का दौरा किया। अधिकारियों का मानना है कि यह स्थल न केवल प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, बल्कि पुरातात्विक दृष्टि से भी मूल्यवान है। प्रशासन इसे एक विकसित पर्यटन केंद्र के रूप में आकार देने की योजना पर विचार कर रहा है।
हाल ही में कुछ मीडिया प्रतिनिधियों और ट्रैवल ब्लॉगर्स ने यहां की झलक सोशल मीडिया पर साझा की, जिसके बाद धारपारूम में सैलानियों की भीड़ बढ़ने लगी है। पर्यटकों का कहना है कि इस स्थान को केशकाल के टाटामारी से भी बड़े हिल-प्लेस के रूप में विकसित(Dharparoom Kanker Tourism) किया जा सकता है।
धारपारूम का उभरता आकर्षण बताता है कि यदि प्रशासनिक सहयोग और ग्रामीण सहभागिता को गति दी जाए तो यह इलाका न केवल कांकेर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान बना सकता है।