संपादकीय: फिर ईडी के निशाने पर आम आदमी पार्टी

संपादकीय: फिर ईडी के निशाने पर आम आदमी पार्टी

Aam Aadmi Party again on ED's target

Aam Aadmi Party again on ED's target


Editorial: एक बार फिर आम आदमी पार्टी के एक और नेता सौरभ भारद्वाज ईडी के निशाने पर आ गये हैं। 2018 में नई दिल्ली में 24 अस्पताल बनाने के लिए 5590 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया था जिसका निर्माण छह माह के भीतर होना था लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी निर्माण और विकास काम आधा अधूरा पड़ा रहा। इसमें भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे इसी सिलसिले में ईडी ने नई दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और नई दिल्ली आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज के 13 ठिकानों पर छापामार कार्यवाही की है।

ईडी की इस कार्यवाही से आम आदमी पार्टी के नेताओं ने केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि वह राजनीतिक बदले की कार्यवाही कर रही है। नई दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि केन्द्र सरकार आम आदमी पार्टी के नेताओं के पीछे हाथ धोकर पड़ गई है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है की किसी पार्टी के इतने ज्यादा नेताओं के खिलाफ केन्द्रीय एजेंसियां कार्यवाही कर रही हैं।

नई दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सौरभ भारद्वाज के यहां पड़े छापे पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री के मामले से देश का ध्यान भटकाने के लिए ईडी की कार्यवाही हुई है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने भी इस कार्यवाही को फर्जी करार देते हुए कहा है कि जिस समय कथित घोटाला किये जाने की बात कही जा रही है उस समय तो सौरभ भारद्वाज मंत्री ही नहीं थे।

आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि मोदी सरकार आम आदमी पार्टी के बढ़ते प्रभाव से डरे हुई है इसलिए एक एक करके आम आदमी पार्टी के नेताओं पर झूठे मामले बनाये जा रहे हैं। यदि ऐसा है तो आम आदमी पार्टी को न्यायालय की शरण में जाना चाहिए और इंसाफ की मांग करनी चाहिए। गौरतलब है कि पूर्व में नई दिल्ली के बहुचर्चित शराब घोटाले के आरोप में तात्कालीन आपकारी मंत्री और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया लंबे समय तक जेल की हवा खा चुके हैं।

खुद तात्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी लगभग पांच माह जेल के मेहमान रह चुके हैं। आम आदमी पार्टी के कई अन्य नेता भी जेल जा चुके हैं। यही वजह है कि वे ईडी की कार्यवाही का विरोध कर खुद को पाक साफ साबित करने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। यदि उन्होंने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है तो उन्हें जांच से घबराने की कोई जरूरत नहीं है।