Anti-Conversion Law Chhattisgarh : अब नहीं चलेगा धर्मांतरण का जाल…छत्तीसगढ़ में बनेगा सख्त कानून…सीएम साय ने किया ऐलान

Anti-Conversion Law Chhattisgarh
Anti-Conversion Law Chhattisgarh : राज्य में जबरन और प्रलोभन देकर किए जा रहे मतांतरण को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार कानून ला रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रविवार को यह ऐलान किया कि आगामी शीतकालीन सत्र में विधानसभा में मतांतरण रोकने के लिए कानून का नया विधेयक पेश किया जाएगा। वे राजधानी रायपुर के शदाणी दरबार में आयोजित चतुर्थ राज्य स्तरीय हिंदू राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अभी कानून है, लेकिन उसे और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता है। इसी दिशा में सरकार एक ठोस और सख्त कानून लाने की तैयारी में है। इसके लिए विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया गया है।
घर वापसी अभियान को सराहना
मुख्यमंत्री ने जशपुर जिले का उदाहरण देते हुए कहा कि यह जिला वर्षों से मतांतरण के विरुद्ध संघर्ष का केंद्र रहा है। यहां एशिया का दूसरा सबसे बड़ा चर्च स्थित है, लेकिन दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव और उनके पुत्र प्रबल प्रताप जूदेव ने ‘घर वापसी’ अभियान को एक नई दिशा दी है।
उन्होंने कहा कि कल्याण आश्रम के कार्यकर्ता गांव-गांव में जाकर सनातन धर्म के प्रचार में लगे हैं और राज्य सरकार भी सनातन संस्कृति को मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इस दिशा में राजिम कुंभ की पुनर्प्रस्तुति की गई है और मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत अब तक 22 हजार से ज्यादा रामभक्त अयोध्या में श्रीरामलला के दर्शन कर चुके(Anti-Conversion Law Chhattisgarh) हैं। उन्होंने एक प्रेरणादायक उदाहरण देते हुए बताया कि सारंगढ़ जिले के ग्राम दानसरा की महिलाएं महतारी वंदन योजना में मिले पैसे से श्रीराम मंदिर का निर्माण करवा रही हैं, जो सनातन संस्कृति के प्रति श्रद्धा और नारी शक्ति की सहभागिता का प्रतीक है।
ज्ञात हो कि 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर सुबह नौ बजे माओवादी हिंसा प्रभावित नारायणपुर जिले की तीन युवतियों की मानव तस्करी के आरोप में जमकर हंगामा हुआ था। उन्हें ट्रेन से आगरा ले जाने की तैयारी थी। जीआरपी ने आरोपित नन प्रीति मैरी, वंदना फ्रांसिस एवं युवक सुकमन मंडावी के विरुद्ध मानव तस्करी व मतांतरण का अपराध दर्ज किया है। सभी को गिरफ्तार कर आठ दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस घटना के बाद से राज्य में मतांतरण का मुद्दा गर्माया हुआ है।
मतांतरण पर सरकार सख्त: प्रदेश में बीते डेढ़ साल में इसके ढाई गुना मामले सामने आए हैं। भाजपा सरकार के कार्यकाल में इस संवेदनशील मुद्दे पर पुलिस और प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। वर्ष 2024-25 में अब तक मतांतरण की 50 शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें 23 मामलों में एफआइआर दर्ज (Anti-Conversion Law Chhattisgarh)हुई और एक मामले में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई। वर्ष 2023-24 में 16 शिकायतों में नौ एफआइआर दर्ज हुई थीं। इसके उलट कांग्रेस सरकार के अंतिम वर्ष 2022-23 में मात्र 11 शिकायतें सामने आई थीं और केवल तीन मामलों में केस दर्ज किया गया। वर्ष 2021-22 में 26 शिकायतों के बावजूद सिर्फ नौ एफआइआर हुईं थी।