Mumbai Train Blast Case : मंजिल अभी दूर है, ट्रेन ब्लास्ट केस में निर्दोष साबित हुए 12 लोग…अब फैसले पर फिर से उठे सवाल…

Mumbai Train Blast Case
सालों पुराने ट्रेन ब्लास्ट केस में नया मोड़, 12 लोगों की रिहाई के फैसले को फिर से चुनौती मिली। अब सुप्रीम कोर्ट में तय होगा न्याय का असली रास्ता।
Mumbai Train Blast Case : सालों पहले मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए भयानक विस्फोटों ने देश की रफ्तार को रोक दिया था। हादसा जहां 189 जिंदगियों को लील गया, वहीं सैकड़ों परिवारों को गहरे जख्म दे गया। इतने सालों की कानूनी प्रक्रिया के बाद हाल ही में 12 आरोपियों को अदालत ने दोषमुक्त करार दिया।
इस फैसले ने जहां कुछ लोगों को राहत दी, वहीं कई सवालों को भी जन्म दे दिया। अब इस फैसले के खिलाफ एक नई याचिका दायर की गई है, जिसके तहत मामला देश की शीर्ष अदालत में पहुंच चुका है। अदालत ने गुरुवार को मामले पर विस्तृत सुनवाई के संकेत दिए हैं।
याचिका दाखिल करने वालों का कहना है कि इतने बड़े हादसे में किसी को दोषी न ठहराया जाना, न्यायिक प्रक्रिया पर अविश्वास पैदा करता है। वहीं, अदालत(Mumbai Train Blast Case) इस बात को लेकर चिंतित है कि कहीं कोई निर्दोष को सजा न दी जाए, लेकिन साथ ही असली अपराधी को छोड़ना भी समाज के लिए उतना ही खतरनाक हो सकता है।
करीब दो दशकों से चली आ रही इस केस की परतें आज भी पूरी तरह नहीं खुल पाई हैं। जब 11 जुलाई 2006 को मात्र कुछ मिनटों में सात धमाके हुए थे, तो देश स्तब्ध रह गया था। इस केस में जो लोग गिरफ्तार हुए, उनकी गिरफ्तारी से लेकर सबूतों तक की वैधता वर्षों तक चर्चा में रही।
अब जबकि अदालत(Mumbai Train Blast Case) ने उन्हें बरी कर दिया है, एक बार फिर न्यायिक प्रणाली पर बहस शुरू हो चुकी है – कि क्या हमने सही दिशा में न्याय किया, या फिर असली दोषी आज भी कानून से बाहर है?