River Origin Protection Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ की 19 नदियों के मूल स्रोत अब रहेंगे सुरक्षित…हाई कोर्ट के आदेश से जलवायु और भविष्य दोनों को राहत…

River Origin Protection Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ की 19 नदियों के मूल स्रोत अब रहेंगे सुरक्षित…हाई कोर्ट के आदेश से जलवायु और भविष्य दोनों को राहत…

River Origin Protection Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ की 19 नदियों के मूल स्रोत अब रहेंगे सुरक्षित…हाई कोर्ट के आदेश से जलवायु और भविष्य दोनों को राहत… राज्य की 19 नदियों के उद्गम स्थलों को संरक्षित करने की कवायद अब कानूनी निर्देशों के तहत होगी। प्राकृतिक धरोहर को बचाने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक पहल मानी जा रही है। River Origin Protection Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ की नदियों के स्वरूप और अस्तित्व पर मंडरा रहे संकट के बीच, एक बेहद निर्णायक मोड़ सामने आया है। न्यायालय के ताजा निर्देशों के तहत अब राज्य की 19 प्रमुख नदियों के उद्गम स्थलों को संरक्षित करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की जाएगी। यह आदेश केवल कागजों की खानापूर्ति नहीं, बल्कि राज्य की प्राकृतिक पहचान और भावी जल संसाधन सुरक्षा का एक ठोस प्रारंभ माना जा रहा है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि हर नदी के मूल स्रोत को राजस्व रिकार्ड में विधिवत दर्ज और चिन्हित किया जाए, ताकि भविष्य में कोई भ्रम या अतिक्रमण की संभावना न रहे। इसी संदर्भ में न्यायालय ने शासन से इस प्रक्रिया की जानकारी एक शपथपत्र के माध्यम से प्रस्तुत करने का निर्देश भी जारी किया है। समस्या केवल पानी की नहीं, पहचान की भी है River Origin Protection Chhattisgarh खनन के खतरनाक परिणाम और न्यायिक सजगता

River Origin Protection Chhattisgarh

राज्य की 19 नदियों के उद्गम स्थलों को संरक्षित करने की कवायद अब कानूनी निर्देशों के तहत होगी। प्राकृतिक धरोहर को बचाने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक पहल मानी जा रही है।

River Origin Protection Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ की नदियों के स्वरूप और अस्तित्व पर मंडरा रहे संकट के बीच, एक बेहद निर्णायक मोड़ सामने आया है। न्यायालय के ताजा निर्देशों के तहत अब राज्य की 19 प्रमुख नदियों के उद्गम स्थलों को संरक्षित करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की जाएगी। यह आदेश केवल कागजों की खानापूर्ति नहीं, बल्कि राज्य की प्राकृतिक पहचान और भावी जल संसाधन सुरक्षा का एक ठोस प्रारंभ माना जा रहा है।

अदालत ने स्पष्ट किया है कि हर नदी के मूल स्रोत को राजस्व रिकार्ड में विधिवत दर्ज और चिन्हित किया जाए, ताकि भविष्य में कोई भ्रम या अतिक्रमण की संभावना न रहे। इसी संदर्भ में न्यायालय ने शासन से इस प्रक्रिया की जानकारी एक शपथपत्र के माध्यम से प्रस्तुत करने का निर्देश भी जारी किया है।

समस्या केवल पानी की नहीं, पहचान की भी है

एक महत्वपूर्ण बिंदु जो अदालत के समक्ष उभरा, वह था राज्य के दस्तावेजों में नदियों के उद्गम स्थलों को “नाले” के रूप में दर्शाया जाना। यह न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से असंगत है, बल्कि सामाजिक और पारिस्थितिकीय मान्यता के भी विपरीत है। अदालत(River Origin Protection Chhattisgarh) ने इसपर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि इस त्रुटि को तुरंत सुधारा जाना चाहिए, क्योंकि यह मानसिकता प्राकृतिक संसाधनों के प्रति असंवेदनशीलता दर्शाती है।

खनन के खतरनाक परिणाम और न्यायिक सजगता

बारिश के दिनों में अवैध खनन से बने गड्ढों में बच्चों की मौत की घटनाओं ने पूरे मुद्दे को और अधिक संवेदनशील(River Origin Protection Chhattisgarh) बना दिया। अदालत ने इस पक्ष को भी गंभीरता से लेते हुए यह सुनिश्चित करने के संकेत दिए हैं कि इस प्रकार की दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

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