Chhattisgarh Agriculture Innovation : किसान अब बाजार खुद तय करेगा’…जशपुर बना एग्री इनोवेशन का हब…एग्री-हॉर्टी एक्सपो ने जोड़ा खेती को तकनीक से…

Chhattisgarh Agriculture Innovation : किसान अब बाजार खुद तय करेगा’…जशपुर बना एग्री इनोवेशन का हब…एग्री-हॉर्टी एक्सपो ने जोड़ा खेती को तकनीक से…

जशपुरनगर, 28 जून|  Chhattisgarh Agriculture Innovation : मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने आज बगिया स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से कृषि क्रांति अभियान अंतर्गत एग्री-हॉर्टी एक्सपो एवं क्रेता-विक्रेता सम्मेलन का वर्चुअली शुभारंभ किया। जिला पंचायत में दो दिनों तक चलने वाली इस आयोजन में  देश की कई बड़ी कृषि कंपनियां जैसे-जियो मार्ट रिटेल, देहात, हॉनेस्ट फॉर्म, आत्माकुर, धरागरी, अवनी आयुर्वेदा इत्यादि उपस्थित रहेंगे। जिनसे जिले के किसान एफपीओ के माध्यम से अपने उपज का उचित मूल्य प्राप्त होने पर फसल विक्रय एग्रीमेंट कर सकेंगे तथा बिचौलिया प्रथा समाप्त होने से किसानों को अपने उपज का उचित मूल्य प्राप्त होगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जशपुर के कृषि विकास के इतिहास में आज का दिन मील का पत्थर साबित होने वाला है। जिला प्रशासन के अभिनव प्रयास से ‘कृषि क्रांति’ अभियान की शुरूआत हो रही है। हमारा देश कृषि प्रधान है। छत्तीसगढ़ में लगभग 80 प्रतिशत लोग कृषि और कृषि संबंधी कार्यों से जुड़े (Chhattisgarh Agriculture Innovation)हैं। प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना फसल बीमा योजना, पीएम किसान सम्मान निधि सहित कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। हमारी सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए बहुस्तरीय प्रयास कर रही है।

चाहे वह समर्थन मूल्य पर 3100 रूपये प्रति क्विंटल के मान से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी हो, समर्थन मूल्य पर वनोपज का संग्रहण हो, या प्रोसेसिंग और निर्यात से जुड़ी योजनाएं हों। जशपुर में कटहल, आम, लीची, नाशपाती बहुतायत में होती है। यहां पर सेव की भी फसल होने लगी है।इस सम्मेलन के माध्यम से किसानों और खरीदार कंपनियों के बीच सीधा संवाद स्थापित होगा। यह एक ऐसा मंच है जहाँ से एफ.पी.ओ. (किसान उत्पादक संगठन) के माध्यम से किसानों की उपज को सीधा बाजार मिलेगा, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी और किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सकेगा।

मुख्यमंत्री ने सॉइल हेल्थ कार्ड  के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि इससे किस जमीन पर क्या उत्पादन ज्यादा होगा और कितना खाद की जरूरत होगी इसके लिए केंद्र से आए कृषि वैज्ञानिक  पूरे राज्य में जाकर सॉइल हेल्थ के बारे में लोगों को जागरूक कर रहे (Chhattisgarh Agriculture Innovation)हैं। राज्य में  कृषि के साथ पशु पालन, मछली पालन और डेयरी विकास को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।  डेयरी विकास योजना के पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित 6 जिलों में जशपुर भी शामिल है।

रायगढ़ से वर्चुअली जुड़े सांसद  राधेश्याम राठिया ने कहा कि  जशपुर जिला का प्राकृतिक वातावरण आकर्षित करने वाला है। जल संरक्षण और संवर्धन के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि जल का संरक्षण किया जाना चाहिए इससे किसानों को लाभ मिलेगा और उनकी आमदनी में इजाफा होगा। जिला पंचायत से वर्चुअली जुड़ी विधायक मती रायमुनी भगत ने कहा कि जशपुर जिला नवाचार को तेजी से अपना रहा है। इस सम्मेलन के माध्यम से किसानों और कंपनियों के बीच सीधा अनुबंध होगा और उन्हें लाभ मिलेगा। जिला पंचायत अध्यक्ष  सालिक साय ने अपने संबोधन में कहा कि जिले में  व्यस्थित तरीके से खेती और प्रबंधन किया जाय तो किसानों को निश्चिंत रूप से लाभ मिलेगा। जशपुर आम, मिर्च, नाशपाती में अग्रणी है। उन्होंने धान के साथ दलहन और तिलहन की खेती किए जाने के लिए विषय प्रयास लिए जाने पर जोर दिया।

कलेक्टर  रोहित व्यास ने  एग्री-हॉर्टी एक्सपो एवं क्रेता-विक्रेता सम्मेलन के महत्व और इनसे कृषकों को होने वाले लाभों के बारे में विस्तार से बताया। जिला पंचायत से वर्चुअली जुड़े जिला पंचायत सीईओ  अभिषेक कुमार ने एक वीडियो प्रजेंटेशन के माध्यम से सम्मेलन में तहत होने वाले नवाचार और विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में बताया। इस दौरान आईजी  दीपक कुमार झा, पुलिस अधीक्षक  शशिमोहन सिंह बगिया से और जिला पंचायत में वर्चुअली तौर पर नगर पालिका अध्यक्ष  अरविंद भगत, जनपद पंचायत अध्यक्ष  गंगा राम भगत सहित अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।

एग्री-हॉर्टी एक्सपो एवं क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में मिलेगी उन्नत तकनीकों की जानकारी

सम्मेलन के माध्यम से किसानों को उन्नत तकनीक की जानकारी देने के उद्देश्य से नाबार्ड एवं एपेडा जैसे संस्था के प्रतिनिधि उपस्थित होकर एग्रीकल्चर मार्केटिंग, जैव उत्पादों का प्रमाणीकरण इत्यादि विषयों पर किसानों को जानकारी देंगे। राज्य के वरिष्ठ वैज्ञानिक फसल किस्मों का जीआई टैग, कृषि एवं उद्यानिकी फसलों के वैज्ञानिक पद्धति से खेती तथा रेशम विशेषज्ञों द्वारा किसानों को रेशम पालन की जानकारी दी जायेगी साथ ही कम्पनी एवं किसान के मध्य कान्ट्रैक्ट फार्मिंग विषय पर चर्चा का आयोजन किया गया है जिसमें कम्पनी एवं कृषकों के मध्य अनुबंध हस्ताक्षर किया जावेगा।

कार्यक्रम में फसल प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है जिसमें जिले के एफपीओ से जुडे किसान एवं प्रगतिशील किसान अपने फसल जैसे जैविक धान, कुटकी, रागी, नाशपाती, लीची, रामतिल, टाऊ, मिर्च, सुगंधीत धान इत्यादि का किस्मवार गुणवत्ता का प्रदर्शन करेंगे। कार्यक्रम अंतर्गत आम एवं नाशपाती तथा नवाचार प्रतियोगिता आयोजन किया गया है। विजेता किसान को पुरस्कार राशि का भेंट कर अगामी समय में नवाचार एवं उन्नतशील खेती करने प्रोत्साहित किया जाएगा।

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