Surrendered Naxalites Killed : जो हथियार छोड़ चुके थे...उन्हें भी बख्शा नहीं: आत्मसमर्पितों की हत्या से कांप उठा बीजापुर...

Surrendered Naxalites Killed : जो हथियार छोड़ चुके थे…उन्हें भी बख्शा नहीं: आत्मसमर्पितों की हत्या से कांप उठा बीजापुर…

बीजापुर, 23 जून| Surrendered Naxalites Killed : छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले का यमपुरम गांव रविवार की सुबह एक बार फिर खून से लाल हुआ। पर इस बार गोली किसी ऑपरेशन की नहीं चली, यह वार था उन पर जिन्होंने माओवादी हिंसा को ठुकरा कर शांति की राह चुनी थी। वेको देवा और समैया – दोनों पूर्व माओवादी, जो अब एक सामान्य ग्रामीण जीवन जी रहे थे — को नक्सलियों ने सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया क्योंकि उन्हें संदेह था।

शनिवार रात नक्सलियों का जत्था गांव में घुसा, घर से दोनों को उठाया गया, और फिर जंगल में कहीं निर्ममता से उनकी हत्या कर दी गई। सुबह होते ही उनके शव गांव की सड़क पर पड़े मिले — ये केवल शरीर नहीं थे, यह उस भरोसे की लाश (Surrendered Naxalites Killed)थी कि आत्मसमर्पण के बाद जीवन फिर सामान्य हो सकेगा।

गवाही बन गया खून: हफ्ते भर में पांच क़त्ल”

इस दिल दहला देने वाली घटना से कुछ ही दिन पहले, गंगालूर थाना क्षेत्र में एक पूर्व नक्सली दिनेश मोडियम और उसके परिवार के तीन सदस्यों, जिनमें दो स्कूली बच्चे शामिल (Surrendered Naxalites Killed)थे, की हत्या कर दी गई थी। एक हफ्ते में पांच हत्याएं बताती हैं कि अब माओवादी खुद के अस्तित्व के लिए आमजनों को ही दुश्मन मान बैठे हैं।

क्यों बौखला गए हैं माओवादी?

पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षाबलों द्वारा चलाए गए व्यापक अभियानों ने माओवादियों की कमर तोड़ दी है। अब तक 425 से ज्यादा नक्सली मारे जा चुके (Surrendered Naxalites Killed)हैं और हजारों ने हथियार डाल दिए हैं। ऐसे में जिन चेहरों ने बगावत से वापस लौटकर समाज में घुलने की कोशिश की, उन्हें अब निशाना बनाया जा रहा है।

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