Chhattisgarh Liquor Scam : राजनीति की दीवारें हिलीं…शराब घोटाले में पहली बार कांग्रेस भवन अटैच…‘लखमा कनेक्शन’ बेनकाब…

रायपुर, 13 जून| Chhattisgarh Liquor Scam : छत्तीसगढ़ में चल रहे 2161 करोड़ के बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच में आज बड़ा मोड़ आया है। इतिहास में पहली बार किसी राजनीतिक दल के कार्यालय भवन को अटैच करने की कार्रवाई की गई है — और यह भवन है सुकमा स्थित कांग्रेस कार्यालय।
सूत्रों के मुताबिक, यह भवन हरीश लखमा (पूर्व मंत्री कवासी लखमा के बेटे) के नाम पर दर्ज है, जिसे अब प्रोविजनल अटैचमेंट के तहत जांच एजेंसी ने सील कर दिया (Chhattisgarh Liquor Scam)है। इसके साथ ही रायपुर की छह करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां भी जांच के घेरे में हैं — जिनमें जमीन, भवन और बैंक खातों की रकम शामिल हैं।
क्या है यह शराब घोटाला?
एक संगठित सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ में शराब व्यापार को एक समानांतर कैश सिस्टम में तब्दील कर दिया। 2017 में CSMCL के ज़रिये शराब बिक्री का नया ढांचा बना, लेकिन 2019 के बाद इस सिस्टम में सेंध लगाई गई — और एक राजनैतिक-प्रशासनिक गठजोड़ ने इसे ‘कैश मशीन’ बना दिया।
जांच में ये नाम सामने आए हैं:
अनवर ढेबर (घोटाले का कथित मास्टरमाइंड)
पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा
पूर्व आईएएस अधिकारी
कारोबारी, सप्लायर्स और सुरक्षा एजेंसियों के (Chhattisgarh Liquor Scam)गठजोड़
करीब 6000 पेज की चार्जशीट में इस नेटवर्क की लेयर-बाय-लेयर साजिश उजागर की गई है।
कहां हैं लखमा अब?
पूर्व मंत्री कवासी लखमा इस समय रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। उन्हें जनवरी में गिरफ्तार किया गया था और प्रारंभिक पूछताछ में शराब लाइसेंस वितरण से लेकर सिंडिकेट के संचालन तक की भूमिका सामने आई (Chhattisgarh Liquor Scam)है। उनके बेटे हरीश लखमा के माध्यम से संपत्ति निवेश और राजनीतिक कनेक्शन के माध्यम से पैसों का प्रवाह दर्ज किया गया है।