कलाकारों ने इस विश्व पर्यावरण दिवस पर अपनी इको-फ्रेंडली आदतों के बारे में बताया!

Artists reveal their eco-friendly habits
मुंबई।Artists reveal their eco-friendly habits : विश्व पर्यावरण दिवस हमें रुककर सोचने और ऐसी आदतें अपनाने की याद दिलाता है जो हमारी धरती को स्वस्थ रखें। फिल्म और टीवी की दुनिया भले ही चमकदार दिखे, लेकिन कई कलाकार चुपचाप तरीके से पर्यावरण को बचाने का काम कर रहे हैं। दोबारा इस्तेमाल होने वाली चीजें चुनने से लेकर सेट पर पेड़-पौधों को बढ़ावा देने तक, एण्डटीवी के कलाकार पर्यावरण को नुकसान से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इन कलाकारों में हिमानी शिवपुरी (‘हप्पू की उलटन पलटन’ की कटोरी अम्मा) और शुभांगी अत्रे (‘भाबीजी घर पर हैं’ की अंगूरी भाबी) शामिल हैं।
हिमानी शिवपुरी, जिन्हें लोग प्यार से कटोरी अम्मा कहते हैं, ने बताया, ”मेरे लिए पर्यावरण का ध्यान रखना सिर्फ घर तक सीमित नहीं है। मैं जहां भी जाती हूँ, इसकी चिंता करती हूँ, चाहे सेट हो या कोई और दूसरी जगह। मैं हमेशा ध्यान रखती हूँ कि जब जरूरत न हो, तो लाइट और पंखे बंद कर दूं, फिर चाहे मैं सेट पर रहूं, अपनी वैनिटी वैन में, या बाहर कहीं भी, मैं इस बात का हमेशा ध्यान रखती हूं। यह एक छोटी आदत है, लेकिन अगर सब ऐसा करें, तो हम बिजली बचाने में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। मैं हमेशा कपड़े या जूट का थैला साथ रखती हूँ।
आप जानते हैं, मुझे जानवर बहुत पसंद हैं। सेट पर मैं आवारा कुत्तों को खाना देती हूँ और पक्षियों के लिए पानी और दाना रखती हूँ। मैंने एक पुरानी ट्रे को कटोरे में बदल दिया और इसे अपने कमरे के बाहर रखती हूँ ताकि गर्मी में पक्षियों को पानी मिले। स्टूडियो के पास कुत्तों को मैं प्लास्टिक की बजाय स्टील की प्लेट में खाना देती हूँ। उत्तराखंड में पले-बढ़े होने के कारण मुझे प्रकृति से बहुत प्यार है। मेरी परवरिश ने मुझे इसके प्रति जागरूक किया। मुझे खुशी होती है जब मेरे साथी-कलाकार भी पर्यावरण का ध्यान रखते हैं। जब कोई अच्छा काम करता है, तो मुझे भी वैसा करने की प्रेरणा मिलती है। मेरा मानना है कि हमें ऐसी आदतें अपनानी चाहिए। हर छोटा कदम मायने रखता है, और साथ मिलकर हम बड़ा बदलाव ला सकते हैं।”
शुभांगी अत्रे, जो अंगूरी भाबी का किरदार निभा रही हैं, कहती हैं, ”हम सेट पर बहुत समय बिताते हैं, इसलिए मैंने फैसला किया है कि अपने पर्यावरण को बचाने वाली आदतें वहाँ भी अपनाऊँ। मैं हमेशा स्टील के चम्मच-कांटे और दोबारा इस्तेमाल होने वाली पानी की बोतल साथ रखती हूँ ताकि प्लास्टिक का इस्तेमाल न हो। मैंने अपनी टीम से कहा है कि मेरे मेकअप रूम के बाहर एक डस्टबिन रखें, जिसमें कचरे को अलग-अलग करके रखा जा सकें। मेरा मानना है कि हर सेट पर ऐसा होना चाहिए। मैंने अपने कमरे में एक छोटा सा ग्रीन कॉर्नर बनाया है, जहाँ गमलों में पौधे हैं। ये जगह को सुंदर बनाते हैं और हवा को भी साफ करते हैं।
मुझे अपने मेकअप रूम को पुरानी या रीसाइकिल की हुई चीजों से सजाना अच्छा लगता है। ये कमरे को खास और सुंदर बनाते हैं और मुझे हर दिन पर्यावरण बचाने की याद दिलाते हैं। फैशन और मेकअप की बात करें तो, मैं पुरानी साड़ी और दुपट्टे को नए तरीके से इस्तेमाल करती हूँ, नया नहीं खरीदती। मैं ऐसे मेकअप प्रोडक्ट्स चुनती हूँ जो प्राकृतिक हों, जानवरों पर टेस्ट न किए गए हों और रीसाइकिल या दोबारा भरने वाली पैकिंग में आएं। पर्यावरण का ध्यान रखने के लिए बड़े बदलाव की जरूरत नहीं। आप छोटे कदम उठा सकते हैं, पानी की बोतल साथ रखें, प्लास्टिक बैग न लें, या पुरानी चीजों को दोबारा इस्तेमाल करें। ये छोटी आदतें बड़ा असर डालती हैं। हम एक दिन में सब कुछ नहीं बदल सकते, लेकिन लगातार कोशिश से पर्यावरण को बेहतर बना सकते हैं।”