आपके चहिते एण्डटीवी शोज में आ रहा है ड्रामा, इमोशंस और कॉमेडी का रोलरकोस्टर

A rollercoaster of drama, emotions and comedy coming to &TV shows
मुंबई। A rollercoaster of drama, emotions and comedy coming to &TV shows : न्याय पाने के लिये साहसिक लड़ाइयों से लेकर हंसाते हुए लोट-पोट कर देने वाली गड़बड़ियों और आकस्मिक ट्विस्ट्स तक, आपके चहेते एण्डटीवी शोज में ड्रामा, इमोशंस और कॉमेडी का रोलरकोस्टर आ रहा है। ‘भीमा‘, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में हो रही नई-नई घटनाओं की झलक नीचे दी जा रही है।
पढ़ाई की कोशिश करने के दौरान भीमा (तेजस्विनी सिंह) को अपमान और जातिगत बाधाओं का सामना करना पड़ता है। डॉ. आम्बेडकर (अथर्व) के विचारों से प्रेरित होकर वह सशक्त महसूस करती है और गांव वालों को एकजुट करने के लिये खामोशी तथा प्रतीकों का इस्तेमाल करती है। धीरे-धीरे उसे उनका समर्थन मिलने लगता है और वह गर्व से स्कूल लौटती है। चंदा के रोका में भीमा बालविवाह के खिलाफ आवाज उठाती है और चंदा को शिक्षा का आशीर्वाद देती है। हिम्मत से भरा उसका यह कदम खासकर महिलाओं को एक उम्मीद देता है, लेकिन कुछ लोग नाराज भी होते हैं।
कैलाशा बुआ (नीता मोहिन्द्रा) को भीमा के बढ़ते असर से खतरा महसूस होता है और वह उसके खिलाफ योजना बनाना शुरू करती है। भीमा पर वह शादी के गहने चुराने का झूठा आरोप लगा देती है। जातिवाद से प्रेरित होकर गांव के लोग भीमा के घर की तलाशी लेते हैं और वहाँ रखे गए गहने खोज निकालते हैं। भीमा के निर्दोष होने के बावजूद पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेती है। धनिया (स्मिता सेबल), भीमा का बचाव करती है, लेकिन कैलाशा बुआ उसकी मजबूरी का फायदा उठाकर सबके सामने उसकी बेइज्जती करती है।https://navpradesh.com/admission-process-started-in-kushabhau-thackeray-journalism-and-mass-communication-university/
कानपुर में जानलेवा लू चल रही है और शहर में एसी की कमी हो गई है! बाजार में एयर कंडीशनर्स उपलब्ध नहीं है और दरोगा हप्पू सिंह (योगेश त्रिपाठी) समेत शहर के लोगों को गर्मी तथा मजबूरी का एहसास हो रहा है। उसके घर में काम कर रहा एकमात्र एसी बेडरूम में है और इसलिये हर रात पूरा परिवार वहीं सोता है! कटोरी अम्मा (हिमानी शिवपुरी), बच्चे और बेनी (विश्वनाथ चटर्जी) भी वहाँ आ जाते हैं। इससे हप्पू और राजेश के रोमांस में बाधा होती है। तनाव तब बढ़ जाता है जब अम्मा और राजेश की माँ अवधेशिया (उर्मिला शर्मा) अपने-अपने कमरों में एसी लगाने की मांग करती हैं।
बेचारा हप्पू अपनी माँ और सास के बीच फंस जाता है। आखिरकार वह एक और एसी खरीदने पर सहमत हो जाता है, लेकिन फिर सवाल खड़ा होता है कि एसी अम्मा को मिलेगा या अवधेशिया को? अब उनका घर इन दोनों के बीच जंग का मैदान बन जाता है! जब हालात काबू से बाहर होने लगते हैं, तब बेनी मोल-भाव करके सेकंड-हैण्ड एसी खरीदने का ‘‘कूल’’ सॉल्यूशन देता है। हप्पू को यह आइडिया पसंद आता है और वह जाकर पाँच एसी खरीद लाता है, ताकि हर कमरे में लगा सके! उसका परिवार बहुत खुश होता है और हप्पू इस कूल अपग्रेड के बारे में पुलिस स्टेशन में भी चर्चा करता है, जिसे सुनकर कमिश्नर रेशम पाल (किशोर भानुशाली) चौंक जाता है। लेकिन यह खुशी कुछ ही वक्त तक रहती है। एसी एक-एक करके खराब होने लगते हैं, उन्हें ठीक करने का खर्च बढ़ता जाता है और अब हप्पू से ज्यादा नाखुश कोई नहीं है।
मॉडर्न कॉलोनी में तेज हीटवेव चल रही है और तापमान के साथ लोगों का पारा भी चढ़ रहा है! इस गर्मी के बीच, तिवारी (रोहिताश्व गौड़) पर सभी का ध्यान जाता है, क्योंकि वह नब्बे हजार रूपये का एक शानदार और विदेश में बना एसी लाया है। उसका घर एक नया टूरिस्ट स्पॉट बन जाता है, उसके कारण नहीं, बल्कि उसके सुपर कूल एसी के कारण! इस बीच विभूति (आसिफ शेख) का पसीना बहता ही जा रहा है, क्योंकि गर्मी तेज होने के साथ-साथ उसका दिल भी टूटा है। एसी के आने के बाद से तिवारी ने अपना घर बंद कर लिया है और विभूति को अंगूरी भाबी (शुभांगी अत्रे) की झलक नहीं मिल पा रही है। तिवारी उसकी परेशानी बढ़ाने के लिये अनीता (विदिशा श्रीवास्तव) के सामने उसकी बेरोजगारी और एसी न होने का मजाक उड़ाता है। लेकिन हालात एक नया मोड़ लेते हैं, जब विभूति के बेडरूम का एसी खराब हो जाता है।
विभूति उसे खुद ठीक करता है! और इससे प्रभावित होकर अनीता उसे एसी रिपेयर का बिजनेस शुरू करने के लिये कहती है। विभूति बदले की भावना से भरकर तिवारी के घर जाता है और छुपकर उसके प्यारे एसी के साथ छेड़खानी करता है। जब वह खराब होता है, तब तिवारी घबराकर कस्टमर केयर पर कॉल करता है। डेविड चाचा (अनूप उपाध्याय) एक बाबा बनकर आते हैं और हालात का फायदा उठाकर विभूति को बढ़िया टेक्निशियन बताते हैं। विभूति उस एसी को ठीक करने का खर्च नब्बे हजार रूपये बताता है और इसी कीमत पर तो तिवारी ने एसी खरीदा था! इसके बाद झूठ-मूठ की खराबियाँ निकाली जाती हैं, रिपेयर का बिल बढ़ता जाता है और तिवारी के सपनों की यह कूलिंग मशीन कभी खत्म न होने वाला एक डरावना सपना बनकर रह जाती है।