प्रसंगवश : सिंदूर से सोफिया तक संदेश साफ है कि एक हैं तो सेफ हैं

Operation Sindoor
यशवंत धोटे
Operation Sindoor: इस धरती की जन्नत कश्मीर को जहन्नुम बनाने और देश में दो सम्प्रदाय के बीच दंगा भड़काने के नापाक इरादे से पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भाड़े के टट्टुओं के जरिये पहलगाम में चुन चुनकर हिंदू महिलाओं की मांग का सिंदूर मिटाकर जिस पाशविकता का परिचय दिया था, उनके इस महापाप का हिसाब तो होना ही था। जो आखिरकार हुआ। भारतीय सेना ने आपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान के आतंकी अड्डों के परखच्चे उड़ाकर रख दिए।
इसमें बड़ी संख्या में आतंकवादी भी जहन्नुम रसीद हुए। आज पूरा देश आपरेशन सिंदूर को सफलता पूर्वक अंजाम देने के लिए भारतीय सेना के शौर्य के सामने नतमस्तक है। दुश्मन भी भारतीय सेना के अदम्य साहस का लोहा मान रहा है और आपरेशन सिंदूर पार्ट-2 न चले इसके लिए घुटनों पर आकर अपने मुल्क की सलामती मांग रहा है। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी इस सैन्य कार्रवाई का नाम आपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) ही क्यों रखा और इस कार्रवाई की जानकारी मीडिया के माध्यम से पूरे देश को देने के लिए महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को ही क्यों आगे किया? इसके पीछे छिपे संदेश को न समझ पाने वाले अहमक ही इस पर नाक भौं सिकोड़ कर अपनी मूर्खता का परिचय दे रहे हैं।
कुछ लोगों ने इस सैन्य कार्रवाई का नाम आपरेशन सिंदूर रखे जाने पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि सिंदूर एक धर्म विशेष से संबंधित है इसलिए इसका और कोई नाम रखा जाना चाहिए था। ऐसे मनोरोगियों का किसी के पास कोई इलाज नहीं है। इन्हें विरोध के नाम पर हर बात का विरोध करना होता है। सनातन में सिंदूर का अपना विशिष्ट महत्व है। यह महिलाओं के सौभाग्य का प्रतीक है। पति की लंबी आयु की कामना करते हुए विवाहित महिलाएं अपनी मांग में सिंदूर भरती है। पाकिस्तानी दरिंदों ने हिन्दू महिलाओं के सामने ही उनके पतियों की गोली मारकर हत्या कर उनकी मांग सूनी की थी।
ऐसे में सैन्य अभियान का नाम आपरेशन सिंदूर से ज्यादा उपयुक्त और क्या हो सकता था? रही बात आपरेशन सिंदूर की ब्रीफिंग के लिए महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को आगे करने की तो इसके माध्यम से भी सरकार और सेना ने पाकिस्तान को संदेश दिया है कि हिंदुस्तान की महिलाएं सक्षम हैं। वे भी दुश्मन को मिट्टी में मिलाने का दम रखती हैं। कर्नल सोफिया कुरैशी के चयन को धर्म के चश्मे से देखने वालों को शायद पता नहीं कि वे सैनिक परिवार की बेटी हैं।
उनके दादा, पिता और पति सभी सेना में रहे हैं और अपने नाम सोफिया जिसका अर्थ बुद्धि होता है सोफिया भी कुशाग्र बुद्धि भी हैं और उन्होंने अपने सेवाकाल में अनेक विशिष्ट उपलब्धियां हासिल की हैं। 2016 में फोर्स 18 सैन्य अभ्यास में भारतीय सैन्य दल का नेतृत्व करने वाली वे पहली महिला सैन्य अधिकारी हैं। भारत सरकार और भारतीय सेना ने सिंदूर से सोफिया तक समस्त देशवासियों को साफ संदेश दिया है कि जाति, धर्म और लिंग से परे हमारी एकजुटता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। हम एक हैं तो सेफ हैं।