पंडरिया शक्कर कारखाना के निजीकरण को लेकर सरकार दूर करे किसानो की आशंका: तुकाराम चन्द्रवंशी

पंडरिया शक्कर कारखाना के निजीकरण को लेकर सरकार दूर करे किसानो की आशंका: तुकाराम चन्द्रवंशी

The government should remove the fears of farmers regarding the privatization of Pandaria sugar factory: Tukaram Chandravanshi

Pandaria sugar factory

-शासन-प्रशासन तथा क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की चुप्पी से सरकार की नियत पर उठ रहे सवाल        
-क्षेत्र के हजारों किसानो, मजदूरों व उनके परिवारों का सहारा है पंडरिया शक्कर कारखाना, निजीकरण मंजूर नहीं 

कवर्धा/ नवप्रदेश। Pandaria sugar factory: जिले के विधानसभा पंडरिया में संचालित लौह पुरूष सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना के निजीकरण की सुगबुगाहट को लेकर इन दिनों जिले के गन्ना उत्पादक किसानों से लेकर किसान संगठनों में चिंता व्याप्त है और वे खुलेतौर पर शासन के इस तथा कथित फैसले का पुरजोर विरोध करने की बात कर रहे हैं। इस बात की आशंका को भांपते हुए भारतीय किसान संघ द्वारा पूर्व में पंडरिया शक्कर कारखाना प्रशासन से लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा जा चुका है और अब किसान संघ आने वाली 8 मई को प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी इसी विषय को लेकर ज्ञापन सौंपने की तैयारी कर रहे हैं जिसकी बकायदा लिखित सूचना उन्होने जिला कलेक्टर को भी दे दी है। जिसे देखते हुए युवा कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व जिला पंचायत सदस्य तुकाराम चन्द्रवंशी ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है और कई सवाल खड़े किए हैं।

श्री चन्द्रवंशी ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि चाहे केन्द्र की मोदी सरकार हो या फिर प्रदेश की विष्णुदेव सरकार हो, दोनो ही सरकारें गांव, गरीब तथा किसानो को पीछे ढकेल कर, हमेशा से निजीकरण और उद्योगपतियों की हितैशी तथा पक्षधर रही है। ऐसे में पंडरिया क्षेत्र के किसानों और किसान संगठनो की पंडरिया शक्कर कारखाना के निजीकरण की आशंका बिल्कुल सही जान पड़ रही है।

उन्होने कहा कि पूर्व में प्रदेश की विष्णुदेव सरकार 28/01/25 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सहकारिता विभागीय समीक्षा बैठक मुख्यसचिव, प्रमुख सचिव, अपर सचिव सहकारिता विभाग, प्रमुख सचिव कृषि, सचिव वित्त विभाग,सचिव सहकारिता विभाग, पंजीयक सहकारी संस्थाएं,प्रबंध संचालक राज्य सहकारी विपणन संघ की उपस्थिति में बैठक संपन्न हुआ जिसमें प्रदेश की सहकारी शक्कर कारखाना बालोद एवं मां महामाया शक्कर कारखाना केरता सुरजपुर में संचालित सहकारी शक्कर कारखाना को नुकसान में बताकर इन दोनों शक्कर कारखाना को निजी हांथों में सौपने की वकालत कर चुकी है,जिसका विभागीय समीक्षा बैठक का कार्रवाई विवरण के प्रस्ताव क्रमांक 18 के 2 में स्पष्ट उल्लेखित है,खबर तो यहां तक है कि इसकी प्रक्रिया भी लगभग पूर्ण हो चुकी है।

इसी प्रकार अब पंडरिया शक्कर कारखाना (Pandaria sugar factory) का भी निजीकरण किए जाने की बात सामने आ रही है। श्री चन्द्रवंशी ने कहा कि जिस ढंग से बीते पैराई सत्र समाप्त होने के करीब पांच माह बाद भी पंडरिया शक्कर कारखाना में गन्ना बेंचने वाले क्षेत्र के 7250 गन्ना किसानो का लगभग 53 करोड़ रूपए का भुगतान रोककर रखा गया है उससे यह आशंका और ज्यादा गहरा रही है। इसके अलावा शासन-प्रशासन तथा सत्ता रूढ़ दल के क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी किसानो की इस आशंका को दूर करने कोई रूचि नहीं दिखा रहे हैं।

उन्होने कहा कि अगर वास्तव में सरकार की नियत साफ है और उसकी पंडरिया शक्कर कारखाना को निजी हाथो में सौंपने की कोई मंशा नहीं है तो शासन-प्रशासन तथा क्षेत्र के सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों का ये दायित्व बनता है कि वे बीते कई महिनो से इस आंशका को लेकर चिंतित तथा परेशान किसानो की आशंका को बयान जारी कर दूर करें। लेकिन इस बेहद गंभीर और क्षेत्र के हजारों किसानो, उनके परिवारों तथा ग्रामीण मजदूरों के जीवन से जुड़े मुद्दे पर चुप्पी सादे बैठे हैं। जिससे सरकार की नियत पर सवाल उठना लाजिमी है। युवा कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व जिला पंचायत सदस्य तुकाराम चन्द्रवंशी ने गंभीर विषय पर सरकार से किसान हित में स्पष्टीकरण दिए जाने की मांग की है।

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