लहरें सिर्फ एक नाम नहीं है, यह…; पीएम मोदी ने वेव्स सम्मेलन में मनोरंजन क्षेत्र के लिए की बड़ी घोषणा

लहरें सिर्फ एक नाम नहीं है, यह…; पीएम मोदी ने वेव्स सम्मेलन में मनोरंजन क्षेत्र के लिए की बड़ी घोषणा

Waves is not just a name, it is…; PM Modi made a big announcement for the entertainment sector at the Waves Summit

waves in pm modi

-प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वेव्स समिट में 100 देशों के कलाकार और निवेशक भाग लेंगे

मुंबई। waves in pm modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में ‘विश्व दृश्य-श्रव्य और मनोरंजन शिखर सम्मेलन (वेव्स 2025) को संबोधित किया। इस चार दिवसीय कार्यक्रम के लिए मीडिया और मनोरंजन उद्योग के सभी बड़े नाम एक साथ आए हैं। केंद्र सरकार के ‘वेव्स 2025’ के लिए मुंबई में व्यापक तैयारियां की गई हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज 100 से अधिक देशों के कलाकार, निवेशक और नीति निर्माता मुंबई में एक ही छत के नीचे एकत्र हुए हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने मनोरंजन क्षेत्र के लिए भी बड़ी घोषणा की।

वेव्स पुरस्कार की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा वेव्स हर कलाकार और रचनाकार के लिए एक वैश्विक मंच है। वेव्स सिर्फ एक संक्षिप्त नाम नहीं है, यह संस्कृति और रचनात्मकता की लहर है। इस अवसर पर करीब 100 देशों के कलाकार, निवेशक, नीति निर्माता मिलेंगे। वेव्स का उद्देश्य मीडिया और मनोरंजन उद्योग के लोगों को एक साथ लाना है। मैं मीडिया उद्योग से वेव्स समिट को समर्थन जारी रखने का अनुरोध करता हूं। भविष्य में वेव्स अवॉड्र्स भी शुरू किए जाएंगे, जो मीडिया में सबसे प्रतिष्ठित अवॉड्र्स होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा भारत में ऑरेंज इकोनॉमी (waves in pm modi) उभर रही है। कंटेंट, क्रिएटिविटी और कल्चर ऑरेंज इकोनॉमी के तीन स्तंभ हैं। भारतीय फिल्में अब दुनिया के कोने-कोने तक पहुंच रही हैं। आज भारतीय फिल्में 100 से ज्यादा देशों में रिलीज होती हैं। अब विदेशी दर्शक भी भारतीय फिल्मों को सिर्फ सतही तौर पर नहीं देखते बल्कि उन्हें समझने की कोशिश करते हैं। यही कारण है कि आज बड़ी संख्या में विदेशी दर्शक भारतीय कंटेंट को सबटाइटल के साथ देखते हैं। भारत में ओटीटी इंडस्ट्री पिछले कुछ सालों में 10 गुना बढ़ी है। स्क्रीन का साइज भले ही छोटा हो रहा है लेकिन इसका दायरा बढ़ रहा है।

भारत के हर गांव की एक कहानी है

प्रधानमंत्री ने कहा भारत में हर सड़क की एक कहानी है, हर नदी कुछ गुनगुनाती है। अगर आप भारत के 6 लाख से ज्यादा गांवों में जाएंगे तो आपको हर गांव की एक कहानी सुनने को मिलेगी और कहानी कहने का उनका अपना अनूठा तरीका भी है। यहां के अलग-अलग समुदायों ने लोकगीतों के जरिए अपने इतिहास को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का काम किया है। संगीत भी यहां का एक माध्यम है। चाहे भजन हो, गज़़ल हो, शास्त्रीय संगीत हो या कुछ और, यहां हर धुन की एक कहानी है, हर लय की एक आत्मा है।

राजा हरिश्चंद्र फिल्म को 112 साल पूरे हो गए

प्रधानमंत्री ने कहा आज 1 मई है। 112 साल पहले 3 मई 1913 को भारत में पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र रिलीज हुई थी। इसका निर्माण दादा साहब फाल्के ने किया था और कल उनकी जयंती थी। पिछली शताब्दी में भारतीय सिनेमा ने भारत को दुनिया के कोने-कोने में पहुंचाने में सफलता हासिल की है। हर कहानी भारतीय संस्कृति की आवाज बन गई है और दुनिया भर के करोड़ों लोगों के दिलों में जगह बना ली है।

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