संपादकीय: कांग्रेस का नयापथ प्रस्ताव

संपादकीय: कांग्रेस का नयापथ प्रस्ताव

Congress's new path proposal

Congress's new path proposal

Congress’s new path proposal: गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में कांग्रेस 84वां राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न हुआ। जिसमें सर्वसम्मति से सबको न्याय दिलाने के लिए न्यायपथ प्रस्ताव पारित किया गया। इस पर देशभर से जुटे कांग्रेस के पदाधिकारियों ने व्यापक चर्चा की प्रस्ताव में कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी शुरू से ही समानता की पक्षधर रही है और आगे भी हम समानता के लिए काम करते रहेंगे। वहीं भाजपा पर आरोप लगाया गया है कि वह समाज को बांटने वाली नीति पर चल रही है। लेकिन कांग्रेस देश को बंटने नहीं देगी।

उक्त सम्मेलन को संबोधित करने वाले सभी कांग्रेस नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी पर तीखे हमले किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी जमकर निशाना साधा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि यह देश संविधान से ही चलेगा। लेकिन मोदी सरकार सभी संवैधानिक संस्थाओं पर आक्रमण कर रही है और संविधान को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। लेकिन कांग्रेस पार्टी ऐसा नहीं होने देगी और भाजपा की मनुवादी सोच का प्रखर विरोध करेगी।

कांग्रेस सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकाजुर्न खडग़े ने भी मोदी सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं के दुरूपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने फिर ईवीएम का मुद्दा उठाया और चुनाव आयोग पर भी सवालिया निशान लगाया। मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए बैलेट पेपर से ही मतदान कराया जाना चाहिए। दुनिया के तमाम देश ईवीएम को छोड़कर बैलेट पेपर से चुनाव कराते हैं। लेकिन भारत में ईवीएम से ही चुनाव हो रहा है। जिसकी विश्वनियता संदिग्ध है।

चुनाव आयोग भी सरकार के इशारे पर काम कर रहा है। पिछले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव में धांधली की गई थी। जिसकी शिकायत कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग से की थी लेकिन उस पर कोई संतोषजनक कार्यवाही नहीं की गई। मोदी सरकार विपक्ष की आवाज को कुचलना चाह रही है। संसद में भी विपक्ष को बोलने नहीं दिया जाता। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को बोलने से रोका जाता है। इसी तरह राज्यसभा में भी विपक्ष की आवाज को दबाया जाता है। यह लोकतंत्र का अपमान है।

मल्लिकार्जुन खडग़े ने सभी कांग्रेसजनों से आह्वान किया कि मोदी सरकार की नाकामियों को जन-जन तक पहुंचाएं और इस जनविरोधी सरकार के खिलाफ संघर्ष के लिए तैयार हो जाएं। राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान अनेक वक्ताओं ने जाति जनगणना का भी मुद्दा प्रमुखता से उठाया और इसके लिए लड़ाई लडऩे की जरूरत पर जोर दिया। राहुल गांधी ने स्पष्ट कहा कि कांग्रेस पूरे देश ेमें जाति जनगणना कराकर रहेगी। ताकि जिसकी जितनी भागदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी तय हो, तभी दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को उनका वाजिब हक मिल पाएगा और सभी के साथ न्याय हो पाएगा।

सबको न्याय दिलाना ही कांग्रेस का संकल्प है और इस सम्मेलन में जो न्यायपथ प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित हुआ है। उसके अनुरूप पूरे देश में कांग्रेस संघर्ष का शंखनाद करेगी। इसी सम्मेलन के दौरान मध्यप्रदेश में पिछड़ावर्ग, दलित और अल्पसंख्यकों को पार्टी संगठन में दो तिहाई प्रतिनिधित्व देने की घोषणा की गई।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि मध्यप्रदेश की कांग्रेस कमेटियों में अब तक 50 प्रतिशत से ज्यादा जिला कांग्रेस अध्यक्ष सवर्ण वर्ग से थे लेकिन अब 75 प्रतिशत अध्यक्ष पदों पर पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों की नियुक्ति की जाएगी। कांग्रेस के इस ऐलान से स्पष्ट है कि कांग्रेस अब अपने परंपरागत वोट बैंक को साधने की कवायद करने जा रही है। देखना होगा कि इसमें उसे कितनी सफलता मिल पाती है।

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