संपादकीय: दिव्य और भव्य महाकुंभ का समापन

संपादकीय: दिव्य और भव्य महाकुंभ का समापन

Conclusion of the divine and grand Mahakumbh

Conclusion of the divine and grand Mahakumbh

Conclusion of the divine and grand Mahakumbh: प्रयागराज में 45 दिनों तक चलने वाले दिव्य और भव्य महाकुंभ का समापन हो गया। महाशिवरात्रि के दूसरे दिन उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगम तट पर गंगा पूजन कर महाकुंभ का विधिवत समापन किया। इस अवसर पर उन्होंने महाकुंभ में सेवा देकर श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और स्वच्छता का ध्यान रखने वाले कर्मचारियों का सम्मान किया। योगी आदित्यनाथ ने संगम तट पर सफाई करके स्वच्छता का भी संदेश दिया। गौरतलब है कि महाकुंभ में लगभग 19 हजार सफाई कर्मचारियों ने अपनी सेवायें दी थी जिसकी वजह से पूरे 45 दिनों तक महाकुंभ मेला स्थल पर कहीं कोई गंदगी देखने को नहीं मिली।

सफाई के मामले में भी नया विश्व रिकॉर्ड बन गया। महाकुंभ के दौरान पुलिस प्रशासन ने भी मुस्तैदी का परिचय दिया जिसकी वजह से श्रद्धालुओं को करोड़ों की भीड़ के बावजूद किसी तरह की कोई असुविधा नहीं हुई। मौनी अमावस्या के दिन अप्रत्याशित रूप से हुई भगदड़ की घटना को छोड़ दें तो महाकुंभ के दौरान कहीं कोई अप्रिय स्थिति नहीं बनी। इस महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक लोगों के जुटने के कारण लगभग 30 हजार लोग कुंभ स्थल में बिछड़ गये थे लेकिन पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए उन बिछड़े हुए लोगों को उनके परिजनों से मिला दिया।

इसी तरह रेल कर्मचारियों ने भी अमूल्य योगदान दिया। देश के कोने कोने से करोड़ों श्रद्धालुओं को प्रयागराज पहुंचाने के लिए हजारों अतिरिक्त ट्रेनें चलाई गई थी। रेल कर्मचारियों को भी इसके लिए सम्मानित किया गया। विश्व के इस सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के जुटने का पूर्वानुमान लगाया गया था लेकिन महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु जुट गये और इस तरह एक नया वल्र्ड रिकॉर्ड बन गया। करोड़ों की भीड़ को सुगमता पूर्वक पवित्र स्नान करना एक बड़ी चुनौती थी। लेकिन उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरी कुशलता के साथ इस चुनौती का सामना किया।

यदि यह कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि योगी आदित्यनाथ महाकुंभ का सफल आयोजन कर विश्व के सबसे बड़े मैनेजमेन्ट गुरू बनकर उभरें हैं। वह भी तब जबकि विपक्षी नेताओं ने लगातार उनपर निशाना साधा। खासतौर पर समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तो महाकुंभ को लेकर लगातार योगी सरकार पर हमला करते रहे। उन्होंने महाकुंभ की व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए पूरी व्यवस्था को फेल बताया था लेकिन ऐसी आलोचनाओं से विचलित हुए बिना योगी आदित्यनाथ अपने काम में लगे रहे और व्यवस्था की मॉनीटरिंग करते रहे। यही वजह है कि महाकुंभ में देश विदेश से पहुंचे

करोड़ों श्रद्धालुओं में से किसी ने भी महाकुंभ की व्यवस्था पर कोई सवालिया निशान नहीं लगाया बल्कि सभी ने व्यवस्था की भूरि भूरि प्रशंसा की। इस लिहाज से योगी आदित्यनाथ इस अग्रि परीक्षा में पास हो गये। महाकुंभ को लेकर सिर्फ सनातन विरोधी विपक्षी नेताओं ने ही अनर्गल प्रलाप नहीं किया बल्कि एक स्वयंभू शंकराचार्य अवि मुक्तेश्वरानंद ने भी विवादास्पद बयान की यहां तक की उन्होंने योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे की भी मांग कर डाली थी। महाकुंभ को लेकर विघ्र संतोषी तत्वों ने भ्रम पैदा करने की भी भरपूर कोशिश की लेकिन श्रद्धालुओं ने ऐसी बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया और देश के कोने कोने से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचते रहे। रेलवे ने हजारों विशेष ट्रेनें चलाई इसके बावजूद देश के विभिन्न राज्यों के प्रमुख शहरों में स्थिति रेलवे स्टेशनों पर लाखों श्रद्धालुओं को ट्रेन में जगह पाने के लिए भारी मशक्कत करनी पडी। जिसके चलते नई दिल्ली में स्थिति रेलवे स्टेशन में भगदड़ की स्थिति निर्मित हो गई थी।

किन्तु इस घटना से सबक लेकर रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये और विशेष ट्रनों की संख्या में भी इजाफा किया जिसकी वजह से करोड़ों लोग रेल से प्रयागराज पहुंच पाये। सड़क मार्ग से भी बसों और कारों से करोड़ों लोग प्रयागराज गये। जिसकी वजह से कई स्थानों पर घंटों चक्का जाम की स्थिति निर्मित हुई, प्रयागराज पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को कई किलोमीटर पैदल भी चलना पड़ा लेकिन किसी भी श्रद्धालु के माथे पर सिकन नहीं आई। सभी ने भारी दिक्कतों का सामना करने के बावजूद महाकुंभ स्थल पर की गई व्यवस्था की मुक्तकंठ से सराहना की।

वाकई यह महाकुंभ इस सदी का सबसे भव्य और दिव्य आयोजन बन गया है और सारी दुनिया ने सनातनियों के इस समागम को देखकर दांतों तले उंगलियां दबा ली है। इतने बड़े आयोजन में थोड़ी बहुत अव्यवस्था होना स्वाभाविक है लेकिन इससे भी किसी श्रद्धालु को कोई शिकायत ना होना बहुत बड़ी बात है। इतना बड़ा आयोजन बिना किसी विघ्र बाधा के इसलिए सफल हो पाया क्योंकि इसकी तैयारी 2019 के कुंभ के साथ ही शुरू कर दी गई थी।

पूर्व के कुंभ के मुकाबले इस बार के महाकुंभ का मेला स्थल दस गुना अधिक बड़े क्षेत्र में बना था। इसकी व्यापकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस मेला स्थल को जिला घोषित किया गया था। जहां श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा का पूरा ध्यान रखने की हर संभव कोशिश की गई थी जिसके लिए योगी सरकार साधुवाद की पात्र है। बहरहाल महाकुंभ के इस सफल आयोजन में विविधता में एकता का अनुपम उदाहरण देखने को मिला जिसमें कश्मीर से कन्या कुमारी तक भारत एक है के नारे को सार्थक सिद्ध कर दिखाया। यह महाकुंभ वाकई महानकुंभ के रूप में आने वाली पीढिय़ां सदियों याद रखेंगी।

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