विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन की समीक्षात्मक रिपोर्ट? दिनभर ऐसे चले सवालों की तीर

विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन की समीक्षात्मक रिपोर्ट? दिनभर ऐसे चले सवालों की तीर

CG Vidhansabha Session LIVE: Governor said in his address, State Government's invaluable contribution in the resolution of a developed nation

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रायपुर। (Third day of CG assembly session) विधानसभा सत्र के तीसरे दिन गुरुवार को सवालों की अंताक्षरी में सत्ता-विपक्ष आपस में उलझे, पर कोई सरकार के मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ। इसमें सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष के विधायक भी शामिल रहे। कई बार तो मंत्री प्रश्र से इतर जवाब देते नजर आए, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह ने लोक निर्माण मंत्री अरुण साव और उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन को विस सदस्य के प्रश्र को समझाने की कोशिश की। ऐसे में आरोप लगे कि मंत्री प्रश्रोत्तरी में कुछ और उत्तर देते हैं, और सदन में उससे अलग बयान देते हैं। ऐसे में तमाम गरमा-गरम बहस को डॉक्टर रमन सिंह शांत कराते भी दिखे। जल जीवन मिशन सहित कई कामों में गंभीर खामियों के सवाल के जबाव में यह बातें निकलकर सामने आईं कि कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई हैं, इससे सत्ता-विपक्ष के सदस्य असंतुष्ट दिखे। जल जीवन मिशन योजना में जल स्रोत नहीं फिर भी डीपीआर और टेंडर हो गया, कहीं-कहीं तो गांवों में पानी टंकी और पाइप लाइनें बिछ गई हैं। लेकिन वहां अब जलस्रोत नहीं होने की बात मंत्री बता रहे हैं। एक फिल्म का गाना है कि पानी रे पानी तेरा रंग कैसा, जिसमें मिला दो लगे उस जैसा। कहने का तात्पर्य है कि भ्रष्टाचार का रंग भी जल जीवन मिशन योजना के पानी में मिल चुका है। ये दीगर है कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था। लेकिन सत्ता पक्ष के विधायकों का सवाल है कि सरकार बने एक साल हो गया है, इसके बावजूद ऐसे भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाले अधिकारियों पर अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई। यही हाल प्रदेश की सड़कों की भी है। पर आकड़ों की कहानी कागजों पर ही नजर आ रही है, लेकिन जमीनी स्तर से गायब है। ऐसे आरोप सत्ता-विपक्ष के सदस्य ही लगा रहे हैं।
साथ ही भुइयां पोर्टल के मुद्दे पर भी अजय चंद्राकर ने सरकार को घेरा और कहा कि एक लाख 46 हजार भुइयां में आवेदन लंबित हैं, इन्हें दुरुस्त नहीं किया गया है। जिस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के जवाब से सत्ता और विपक्ष के सदस्य संतुष्ट नहीं हुए। राज्यपाल द्वारा तथ्यहीन अभिभाषण पढ़ाए जाने का आरोप भी लगे। जहां स्पीकर डॉक्टर रमन सिंह ने मामले को शांत कराते हुए कहा कि इसका जवाब मुख्यमंत्री जी से ले लिया जाएगा।
सवाल –अजय चंद्राकर ने जल जीवन मिशन पर सवाल पूछते हुए कहा कितने गांवों में नल कनेक्शन लगे हैं। वहां भी नल कनेक्शन लगे हैं। जहां जलस्रोत नहीं है और कार्य भी पूर्ण हो गए हैं। इसके पूर्व परीक्षण क्यों नहीं कराया गया।

जवाब-लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने कहा प्रदेश के कुल 19656 ग्रामों में 50 लाख घरों में कनेक्शन का लक्ष्य रखा गया है। इसके सापेक्ष में 44 लाख 37 हजार घरों में कनेक्शन कार्य पूर्ण हैं।

ऐसे अपने मंत्री को चंद्राकर ने घेरा
अरुण साव ने कहा 653 गांव है। जिस पर अजय चंद्राकर ने कहा ऐसे कैसे हो सकता है कि बिना जल स्रोत के कैसे पाइप लाइन का टेंडर कैसे हो गया। साव ने कहा, टेंडर में लापवाही करने वाले अधिकारियों पर करवाई हुई है।

विधायक अजय चंद्राकर ने फिर कहा डीपीआर में बिना जल स्रोत के ही गांवों में भ्रष्ट्राचार कर एजेंसियों ने पाइप लाइन बिछाई गई। जिस साव ने कहा जहां भी भ्रष्टाचार हुए हैं। वहां कड़ी करवाई करेंगे। अजय चंद्राकर ने कहा, 12 लाख नल कनेक्शन ही सिर्फ लगा है। कहा कि आज एक साल ने अपने कोई कार्रवाई नहीं की है। अरुण साव ने आश्वासन दिया कि करवाई की जाएगा। इसी बीच धरम लाल कौशिक ने भी कहा एक पर करवाई हुई। बाकी पर क्यों नहीं हुआ। विधायक अजय चंद्राकर ने कहा जल जीवन मिशन से संबंधित प्रश्न में पूछा मंत्री जी बतां कि जल स्रोत कितने हैं इसकी सूची बताएं। जिस पर साव ने कहा उपलब्ध करा देंगे।

सवाल–गोमती साय ने सवाल किया कि पत्थलगांव विधानसभा सभा क्षेत्र में जीवन मिशन योजना का कार्य अपूर्ण है, इसके क्या कारण है ?
जवाब- लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने बताया कि 653 गांवों में जल के स्रोत नहीं। इससे कई जगह काम नहीं हुए हैं। विधानसभा क्षेत्र में 166 काम अधूरे हैं। जिन ठेकेदार थे उनको नोटिस और जुर्माना लगाया गया है। लेकिन कार्य प्रगतिरत होने के कारण ब्लैक लिस्ट में नहीं डाला गया है।

सवाल-नेता प्रतिपक्ष चरणदास ने कहा कि वित्त मंत्री बताएं। कितने उत्पाद केंद्र बंद हुआ। साथ ही बताएं कि एक जिले में 5 उद्योग बंद किए, उनको क्यों वित्तीय सहायता नहीं दे पाएं।
जवाब-वाणिज्य मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि उत्पाद केंद्र के खुद वित्तीय घाटा के चलते बंद हुआ।
सवाल-चरणदास महंत ने पूछा कि शक्कर खाना कारखाने लगातार क्यों बंद हो रहे। ऐसे में फिर उद्योग नीति क्यों।
जवाब-लखनलाल देवांगन ने कहा, इस पर नीति बना रहे।
फिर चरणदास महंत ने कहा कि बंद कारखाना अधिनियम के कर्मचारियों के हित के लिए क्या योजना है। जिस पर लखनलाल देवांगन ने कहा कि, अगर कहीं खामी होगी तो दिखा लेंगे।

सवाल-केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम ने कहा केशकाल घाट मरम्मत के दौरान जगदलपुर कोंडागांव से होकर वाहनों को निकाला गया.इस दौरान 85 किलोमीटर की सड़क खराब हुई। ये सड़क आधी कोंडागांव विधानसभा और आधी केशकाल विधानसभा क्षेत्र में आती है। केशकाल घाट के रेनोवेशन के काम के दौरान रायपुर से आने वाला ट्रैफिक इस रोड से होकर गुजरा.जिसके कारण रोड कई जगहों से खराब हो चुकी है।

डिप्टी सीएम ने सवाल का दिया जवाब : विधायक नीलकंठ टेकाम के प्रश्न का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि बांसकोठ से केशकाल रोड जिसकी लंबाई 39 किलोमीटर है। इसके मरम्मत का काम होना है.एक से लेकर 21 किलोमीटर तक सात भागों में निविदा अनुबंधित है.15 किलोमीटर तक डामरीकरण का कार्य पूरा हो चुका है। शेष सड़क के लिए कार्यवाही प्रक्रियाधीन है. शेष 18 किलोमीटर का पैचवर्क का काम किया जा रहा है। इसका जल्द ही हम रिपेयरिंग का काम कर लेंगे।

सवाल- नीलकंठ टेकाम ने प्रश्न किया कि इस सड़क के चौड़ीकरण को लेकर क्या कोई प्लान है.ये रोड भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बनने वाली सड़क को कनेक्टिविटी देगी.इसलिए क्या इसका भविष्य में चौड़ीकरण होगा।

जवाब- इस पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि निश्चित तौर पर ये महत्वपूर्ण सड़क है, इस पर भी हम विचार करेंगे।

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