संपादकीय: योगी आदित्यनाथ की खरी-खरी

संपादकीय: योगी आदित्यनाथ की खरी-खरी

True words of Yogi Adityanath

True words of Yogi Adityanath

True words of Yogi Adityanath: प्रयागराज महाकुंभ को लेकर भ्रम फैलाने के लिए कुछ विपक्षी नेता लगातार विवादास्पद बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसे लोगों को उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खरी-खरी सुना दी है। उत्तरप्रदेश विधानसभा में चर्चा के दौरान योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के नेताओं पर जमकर निशाना साधा और कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में जो महाकुंभ आयोजित किया गया था उसमें इस कदर अव्यवस्था थी कि श्रद्धालुओं को त्रिवेणी संगम में स्नान करना मुश्किल हो गया था।

त्रिवेणी संगम का पानी इस कदर प्रदूषित था कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री त्रिवेणी संगम की दुर्दशा देखकर बगैर स्नान किये हुए लौट गये थे। जबकि इस बार के महाकुंभ में देश विदेश के 62 करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ में आ चुके हैं और सभी ने यहां की व्यवस्था को सराहा है। किन्तु समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कुछ अन्य विपक्षी नेता लगातार महाकुंभ की व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक मैसेज का भी सदन में उल्लेख किया जिसमें कहा गया है कि महाकुंभ में गिद्धों को लाशें दिख रही है और सुअरों को गंदगी दिख रही है। लेकिन आस्थावान श्रद्धालुओं को पुण्य दिख रहा है।

योगी आदित्यनाथ की इस खरी-खरी के बाद महाकुंभ को लेकर विवादास्पद बयानबाजी करने वाले विपक्षी नेताओं को करारा जवाब मिल गया होगा। वास्तव में प्रयागराज महाकुंभ विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बन चुका है। जिसमें देश की एक तिहाई आबादी सम्मिलित हो चुकी है। इतने भव्य कार्यक्रम में जहां प्रतिदिन एक से डेढ़ करोड़ श्रद्धालु देश के कोने कोने से पहुंच रहे हों वहां थोड़ी बहुत अव्यवस्था स्वाभाविक है।

जिसे तिल का ताड़ बनाकर विपक्ष के कुछ नेता महाकुंभ की व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाकर खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे वाली कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयानों को ही ले ले जिन्होंने पहले तो इस महाकुंभ को असफल बताते हुए यह दावा किया था कि प्रयागराज जाने वाली ट्रेनें खाली जा रही है वहां उतने श्रद्धालु नहीं जुट रहे हैं।

जितने का दावा किया जा रहा है। उन्होंने श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ा चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगाया कुछ दिनों बाद वे यह कहने लगे की महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं और अव्यवस्था के कारण उन्हें भारी असुविधायें झेलनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में करोड़ों लोग आ रहे हैं। लेकिन उनकी संख्या कम करके बताई जा रही है। इस तरह का परस्पर विरोधी बयान देकर अखिलेश यादव आखिर सिद्ध क्या करना चाहते हैं।

जबसे महाकुंभ प्रारंभ हुआ है तभी से वे बिना नागा रोज महाकुंभ को लेकर अनर्गल टिका टिप्पणी कर रहे हैं उनकी देखा देखी अन्य विपक्षी नेता भी उनके सुर में सुर मिलाते हुए महाकुंभ को लेकर अत्यंत आपत्तिजनक टिप्पणी करने लगे। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाकुंभ को मृत्यु कुंभ कह दिया तो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने महाकुंभ को फालतू कह दिया। इन विपक्षी नेताओं के विषवमन के बावजूद महाकुंभ के प्रति लोगों की श्रद्धा कम नहीं हो रही है। यह इस महाकुंभ की सबसे बड़ी सफलता है।

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