महाकुंभ 2025 : मानव इतिहास का सबसे बड़ा मेला प्रयागराज महाकुंभ

Maha Kumbh 2025
महाकुंभ मेला ग्राउंड से यशवंत धोटे
प्रयागराज/नवप्रदेश। Maha Kumbh 2025: लगभग डेढ़ सौ करोड़ की आबादी वाले इस देश की धार्मिक आस्था को जीने का उदाहरण इतिहास में तो नहीं है लेकिन 2025 का महाकुंभ मानव इतिहास का संसार में सबसे बड़ा मानव मेला साबित होने जा रहा है। हालांकि कहने को तो 144 साल बाद यह संयोग आया है। इसका कोई वैज्ञानिक या आध्यात्मिक प्रमाण तो नहीं है। लेकिन लोग ये मान कर चल रहे हैं। यह अवसर 144 साल बाद आया है।

इससे पहले क्या हुआ किसी ने न देखा और न सुना बल्कि आने वाले 144 साल बाद बाद क्या होगा यह देखने या मौजूदा इतिहास बताने के लिये भी शायद कोई जिंदा बचे। प्रयागराज में सदी का सबसे बड़े मानव समागम का महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) चल रहा है। आस्था का सैलाब ऐसा कि रोज औसतन एक करोड़ लोग गंगा के त्रिवेणी संगम में पवित्र डूबकी लगा रहे हैं। पीआईबी की मीडिया टीम के साथ प्रयागराज महाकुंभ के साथ प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचे दैनिक नवप्रदेश ने कुंभ के अलग-अलग रंग देखे और पाठकों के लिए प्रस्तुत किए।

दिल्ली से प्रयागराज की फ्लाईट में ठीक मेरी बंगल की सीट पर बैठे अमरीकी अप्रवासी भारतीय पराग बजाज हैदराबाद में रहने वाली अपनी मां श्रीमती सरोज बजाज को कुंभ स्नान कराने भारत आये है। अपने बड़े भाई, भाभी, अपने बच्चों समेत भारत पहुंचा यह परिवार कुंभ और गंगा स्नान के प्रति कितना आस्थावान है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका के डिट्राईट सिटी से सीधें दिल्ली पहुंचा। हैदराबाद से 80 वर्षीय श्रीमती सरोज दिल्ली पहुंची लगभग 12 लोगों का यह परिवार अपनी मां को कुंभ स्नान कराने भारत पहुंचा।
पराग बजाज का तर्क भी यही था कि 144 साल बाद यह अवसर आया है और आगे 144 साल बाद आयेगा। बहरहाल श्रीमती सरोज बजाज हैदराबाद में महिला दक्षता शिक्षण समिति के नाम से लड़कियों का स्कूल व कॉलेज चलाती है। शिक्षा के क्षेत्र में उनका अच्छा खासा नाम है। एनडीएसडाटएजुकेशन के नाम से वेबसाईट पर इस शिक्षण समिति का रचनात्मक काम दिखता है। प्रयागराज एयरपोर्ट पर श्रीमती सरोज बजाज इस आशा के साथ अपनी पोतियों के साथ फोटो लेने तैयार हुई कि उनके बारे में लिखा या छापा जाए तो उन्हें भी भेजा जाए।

त्रिवेणी संगम से डूबकी लगाकर सुबह 5 बजे निकली और स्नान कर घाट से लौटे निशा और विवेक अग्निहोत्री को सरकार या कुंभ प्रशासन से किसी भी इतजाम को लेकर कोई शिकायत नहीं है। बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में उनके विचार है कि संन्यासी ही सबसे बड़ा राजा होता है। साथ ही असली राजा वही होता है जिसका कोई नही होता उसकी प्रजा होती है। थकी मांदी निशा कहना है कि 10 किलोमीटर पैदल चल चुके है और जब एक पुलिस वाले से पूछा कि स्टेशन और कितनी दूर है तो पुलिस वाला बोला 500 मीटर तो हमने मान लिया एक किलोमीटर से ज्यादा और चलना होगा।

दरभंगा बिहार से अपने 70 वर्षीय माता पिता और 4 और 8 साल के दो बच्चों तथा अपनी पत्नी के साथ आशीष रजक संगम में डूबकी लगाकर वापस लौट रहे है। कुछ देर सुस्ताने के लिये रूके तो नवप्रदेश से बात की। इस परिवार ने बताया कि समस्तीपुर से लखनऊ होकर प्रयागराज आये है। बनारस हो आये लेकिन अयोध्या जाने की हिम्मत नहीं है। माता पिता को कुंभ स्नान कराना था बच्चों को किसके पास छोड़ते सो उन्हें भी ले आये। ये परिवार महाकुंभ की व्यवस्था से खुश है। बिहार में आने वाले चुनाव में क्या होगा। इसे लेकर किये गये सवाल पर आशीष का मानना है कि नीतिश कुमार यदि बीजेपी के अलावा किसी के भी साथ जायेंगे तो मुख्यमंत्री नहीं बन पायेगे। आशीष की राजनीतिक समझ बता रही है कि हिन्दुत्व का उभार बिहार में भी सर चढ़कर बोलने वाला है। मेले में लगातार बढ़ रही भीड़ को आशीष मीडिया के प्रचार भी एक कारण बताते हैं।

दिल्ली से आया सोनू शर्मा चाय बिस्कुट का स्टाल लगाता है। उसका सहायक पिं्रस उसके स्टाल पर काम करता है। 24 घंटे खुले रहने वाले इस स्टाल से रोज 10 हजार से ज्यादा की कमाई हो रही है और 24 तारीख की भगदड़ के बाद सोनू का मानना है कि भीड़ तीन गुना बढ़ गई है। सेक्टर 1 से संगम 4 किलोमीटर है और पूरे प्रयागराज की सड़के पैदल चलने वालों से भरी पड़ी है। श्रद्धालुओं का मानव मेला बता रहा है इतिहास में एक साथ एक जगह इतने लोग कभी नहीं देखे गए होंगे। आगे का पता नहीं।