मतदाताओं की संख्या 1200 से 1500 क्यों हो गयी ? सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब…

मतदाताओं की संख्या 1200 से 1500 क्यों हो गयी ? सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब…

Why did the number of voters increase from 1200 to 1500? Supreme Court seeks answer from Election Commission…

Supreme Court and Election Commission

-सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या बढ़ाने पर जवाब मांगा

नई दिल्ली। Supreme Court and Election Commission: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को बार-बार क्लीन चिट मिलने के बावजूद विपक्ष लगातार इसे लेकर आरोप लगा रहा है। अब एक बार फिर ईवीएम मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इसी तरह प्रति मतदान केंद्र मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1,200 से बढ़ाकर 1,500 करने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की गई। मतदाताओं की संख्या 1500 तक बढ़ाने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा। कोर्ट ने चुनाव आयोग को 3 हफ्ते के भीतर संक्षिप्त हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने चुनाव आयोग के वकील मनिंदर सिंह को फैसले के पीछे का कारण बताने का निर्देश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी 2025 को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई से पहले याचिकाकर्ता को हलफनामे की कॉपी देने का भी निर्देश दिया है।

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने चुनाव आयोग से पूछा कि क्या एक बूथ पर एक ईवीएम से 1,500 वोट डाले जा सकते हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि चुनाव आयोग (Supreme Court and Election Commission) के फैसले का असर महाराष्ट्र और झारखंड के बाद 2025 में बिहार और दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं पर पड़ेगा।

आम तौर पर मतदान 11 घंटे तक चलता है और एक वोट डालने में लगभग 60 से 90 सेकंड का समय लगता है। इस प्रकार एक मतदान केंद्र पर एक दिन में लगभग 660 मतदाता एक ईवीएम से मतदान कर सकते हैं। इसलिए 65.70 प्रतिशत के औसत मतदान प्रतिशत को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा सकता है कि 1000 मतदाताओं के लिए बनाए गए मतदान केंद्र पर लगभग 650 लोग मतदान करने पहुंचेंगे। कई केंद्र तो ऐसे हैं जहां 85 से 90 फीसदी तक मतदान हुआ।

इसलिए करीब 20 फीसदी मतदाता या तो मतदान का समय खत्म होने के बाद भी कतार में खड़े रहे या फिर काफी समय लगने के कारण उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि प्रगतिशील देश या लोकतंत्र में इनमें से कुछ भी स्वीकार्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने चुनाव आयोग के वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह से हलफनामा दायर कर यह स्पष्ट करने को कहा है कि याचिकाकर्ता इंदु प्रकाश सिंह द्वारा उठाए गए मुद्दों पर आयोग क्या कह रहा है।

चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण

आरोप जारी रहेंगे। 2019 से मतदान चल रहा है और मतदाताओं की संख्या बढ़ाने से पहले प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में राजनीतिक दलों से परामर्श किया जा रहा है। मतदान केंद्रों में कई मतदान केंद्र हो सकते हैं और जब प्रत्येक ईवीएम में मतदाताओं की कुल संख्या बढ़ जाती है, तो राजनीतिक वकील मनिंदर सिंह ने कहा ‘प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में पार्टियों से परामर्श किया जाता है। मतदाताओं को हमेशा समय के बाद भी मतदान करने की अनुमति होती है।

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