सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जब आप जीतते हैं, तो ईवीएम अच्छी होती हैं और हार जाते हैं, तो…;
-सुप्रीम कोर्ट ने EVM बंद कर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग वाली याचिका खारिज
नई दिल्ली। EVM Controversy Supreme Court:: सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। ईवीएम से छेड़छाड़ का मुद्दा उठाते हुए मांग की गई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की सुनवाई शुरू की और मांग खारिज कर दी। अदालत ने कहा ‘जब वे जीतते हैं तो ईवीएम अच्छी होती हैं और जब हारते हैं तो ईवीए से छेड़छाड़ करते हैं।
ईवीएम बंद कर दोबारा बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग वाली याचिका के.ए. ने दायर की थी। पॉल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और पी. बी. वराले की बेंच के सामने सुनवाई हुई। उन्होंने अदालत में एलन मस्क के उस बयान का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि ईवीए के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि 150 से ज्यादा देश बैलेट पेपर से चुनाव कराते हैं।
इस मौके पर याचिकाकर्ताओं ने चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी द्वारा ईवीएम को लेकर उठाए गए संदेह की ओर भी कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया। अदालत ने याचिकाकर्ताओं की बात सुनते हुए कहा जब चंद्रबाबू नायडू या रेड्डी हारते हैं, तो वे कहते हैं कि ईवीएम से छेड़छाड़ की गई है। जब वे जीतते हैं, तो वे कुछ नहीं कहते हैं। हमें इसे कैसे देखना चाहिए? क्या होता है कि जब आप जीतते हैं, तो ईवीएम के साथ छेड़छाड़ नहीं की जाती है। लेकिन जब आप हारते हैं, तो ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जाती है। आप बाकी दुनिया से अलग क्यों नहीं होना चाहते? न्यायाधीश ने याचिकाकर्ताओं से पूछा।
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याचिका के जरिए सुप्रीम कोर्ट से केंद्रीय चुनाव आयोग को निर्देश जारी करने का भी अनुरोध किया गया। याचिकाकर्ता ने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं को पैसे, शराब या अन्य सामग्री वितरित करने वाले और दोषी पाए जाने वाले किसी भी उम्मीदवार पर पांच साल का प्रतिबंध लगाने का निर्देश दे।