संपादकीय: बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ तेज होता अभियान

संपादकीय: बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ तेज होता अभियान

Campaign against Naxalites intensifies in Bastar

Campaign against Naxalites intensifies in Bastar

Campaign against Naxalites intensifies in Bastar: आदिवासी बहुल बस्तर में लाल आतंक के खिलाफ सरकार ने अपना अभियान तेज कर दिया है। बस्तर के सबसे दुर्गम क्षेत्र अबूझमाड़ के घने जंगलों में पुलिस और सुरक्षाबलों की टीम नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान चला रही है।

जहां छिपी नक्सलियों के साथ तीन दिनों तक चली मुठभेड़ में पांच कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया गया। जिनमें दो महिला नक्सली भी शामिल हैं मारे गए इन सभी नक्सलियों पर आठ-आठ लाख रुपए का इनाम घोषित था। इन नक्सलियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद हुए हैं।

ये सभी नक्सली एक लंबे समय से सुरक्षाबलोंं के लिए सिर दर्द बने हुए थे। और बस्तर में किसी बड़ी हिंसक वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे किन्तु सुरक्षाबलों ने उन्हें ढेर कर दिया। निश्चित रूप से सुरक्षाबलों की यह एक बड़ी कामयाबी है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने के बाद से बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। जो लगातार तेज हो रहा है।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान नक्सली संगठनों को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी थी कि वे हिंसा का रास्ता छोड़ दें और समाज की मुख्यधारा में लौट आए अन्यथा उनके खिलाफ निर्णायक कार्यवाही की जाऐगी।

गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी दावा किया है कि दो साल के भीतर बस्तर से सभी नक्सलियों का सफाया कर छत्तीसगढ़ को नक्सली हिंसा से मुक्त राज्य बना दिया जाएगा।

ऐसी ही अपील मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने भी की थी। उन्होंने भी नक्सली संगठनों से आव्हान किया था कि वे आत्मसमर्पण कर दें अन्यथा सरकार नक्सलियों के खात्में के लिए अपना अभियान और तेज करेगी।

नक्सलियों ने सरकार की इस पहल पर सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी। नतीजतन अब पुलिस और सुरक्षाबलों के जवानों ने नक्सलियों के खिलाफ युद्ध स्तर पर कार्यवाही शुरू कर दी है।

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