संपादकीय: बेतुकी बयानबाजी से बचें नेता

संपादकीय: बेतुकी बयानबाजी से बचें नेता

Leaders should avoid making absurd statements

Leaders should avoid making absurd statements

Leaders should avoid making absurd statements: महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए ज्यौं ज्यौं प्रचार अभियान तेज होता जा रहा है त्यौं त्यौं राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के बीच जुबानी जंग भी तेज होती जा रही है। नेताओं के बीच चुनाव प्रचार के दौरान जुबानी जंग होती ही है।

इसमें कोई हर्ज नहीं है। अपनी लकीर को बड़ा दिखाने के लिए सामने वाले की लकीर को मिटाने की कोशिश करना आम बात है। एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने में भी कोई आपत्ति नहीं हैै। चुनाव के दौरान यह सब चलता है किन्तु नेताओं को किसी भी दूसरे नेता के बारे में व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। और न विवादास्पद बयान देना चाहिए।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन जैसे वरिष्ठ और अनुभवी नेता ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए जो आपत्तिजनक बयान दिया है। उससे कांग्रेस पार्टी को फायदा कम और नुकसान ज्यादा हो सकता है।

मल्लिकार्जुन खडग़े ने योगी आदित्यनाथ की वेशभूषा पर तंज कसा है और कहा है कि यदि उन्हें भगवा वस्त्र ही पहनना है और सिर पर बाल नहीं रखना है तो वे राजनीति छोड़कर साधुसंत बन जाए। खडग़े का ऐसा बयान वाकई समझ से परे है। कौन नेता क्या पहनता है यह तय करने वाले खडग़े कौन होते हैं।

जाहिर है महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान में योगी आदित्यनाथ की एंट्री होने से कांग्रेस के नेता बौखला गए हंै। और अब वे अपनी खीज मिटाने के लिए अनर्गल बयानबाजी करने लगे हैं। जब खुद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन इस तरह की आपत्तिजनक बयानबाजी करेंगे तो जाहिर है कि उनकी पार्टी के अन्य बड़बोले नेता भी उनका अनुसरण करके बेतुकी बयानबाजी करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

जिससे उन्हें भले ही मीडिया में सुर्खियां मिल जाए लेकिन उनकी पार्टी को ऐसी बेतुकी बयानबाजी के कारण नुकसान उठाना पड़ सकता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के कई बड़बोले नेताओं ने उस समय भाजपा की ओर से घोषित किए गए प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के खिलाफ इसी तरह की बेहद आपत्तिजनक बयानबाजी की थी।

जिससे कांग्रेस को चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा। और नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ अपनी सरकार बना ली थी। इसी तरह 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी पीएम मोदी को गाली देने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी गई थी।

नतीजतन दूसरी बार पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने और ज्यादा बहुमत के साथ अपनी सरकार बना ली थी। गुजरात विधानसभा चुनाव तथा अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस के बड़बोले नेताओं की बदजुबानी के कारण पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा है लेकिन इससे पार्टी ने कोई सबक नहीं लिया है।

ऐसे में महाराष्ट्रऔर झारखंड़ विधानसभा के चुनाव में भी यदि कांग्रेस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगी।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े को तो कम से कम अपने पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए और ऐसी आपत्तिजनक बयानबाजी से परहेज करना चाहिए। अन्य पार्टियों के बड़बोले नेताओं को भी संयम से काम लेना चाहिए। ताकि राजनीतिक सूचिता बनी रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *