सरकारी कर्मचारियों पर मुकदमा चलाने के लिए अनुमति जरूरी : सुप्रीम कोर्ट
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अनुमति, अदालत का आदेश प्राप्त करें
नई दिल्ली। Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में किसी भी सरकारी कर्मचारी पर मुकदमा चलाते समय सरकार में अधिकृत अधिकारी की अनुमति जरूरी है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि यह प्रावधान ईमानदार और वफादार अधिकारियों की सुरक्षा के लिए है। बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-197(1) के तहत सरकारी अधिकारियों और जजों के खिलाफ मुकदमा चलाते समय सरकार की इजाजत जरूरी है। यही प्रावधान अब मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम में भी लागू होता है।
मामला क्या है?
- ईडी ने आंध्र प्रदेश सरकार के कर्मचारी विभू प्रसाद आचार्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप तय किए थे। 2019 में तेलंगाना उच्च न्यायालय ने आरोपों को खारिज कर दिया, निर्देश दिया कि सरकार की अनुमति के बिना मामले पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है।
- ईडी ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। न्यायमूर्ति अभय ओक और न्यायमूर्ति एक. जे. मसीह की पीठ ने ईडी की इस याचिका को खारिज कर दिया।
…ये थे आरोप
ईडी ने आचार्य पर प्लॉट का मूल्यांकन कम करके और पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की कंपनियों को लाभ पहुंचाकर सरकारी भूखंडों के आवंटन में अधिकार का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।