देश के कुछ हिस्सों में चुनाव की जरूरत नहीं…, उपराष्ट्रपति ने ऐसा क्यों कहा?
-उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जयपुर में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के सम्मेलन को संबोधित किया
जयपुर। Vice President Jagdeep Dhankhar: भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, लेकिन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि देश के कुछ हिस्सों में चुनाव और लोकतंत्र निरर्थक हैं। देश के कुछ हिस्सों में जनसंख्या संतुलन इस हद तक बिगड़ गया है कि चुनाव और लोकतंत्र का कोई मतलब नहीं रह गया है। उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने चिंता जताते हुए कहा है कि नतीजा पहले से ही पता है। उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने जयपुर में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के एक सम्मेलन को संबोधित किया।
जनसांख्यिकीय परिवर्तनों के कारण देश के कई हिस्से राजनीतिक गढ़ बन गये हैं। वहां चुनाव और लोकतंत्र का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि नतीजे पहले से ही तय होते हैं। विश्व में जनसंख्या परिवर्तन एक चुनौती बनती जा रही है। दुनिया में ऐसा हुआ है कि अगर इस बेहद चिंताजनक चुनौती से व्यवस्थित ढंग से नहीं निपटा गया तो यह अस्तित्व संबंधी चुनौती बन जाएगी। उपराष्ट्रपति (Vice President Jagdeep Dhankhar) ने कहा कि उन देशों का नाम लेने की जरूरत नहीं है जो इस जनसंख्या विकार, जनसंख्या भूकंप के कारण अपनी 100 प्रतिशत पहचान खो चुके हैं, उन्होंने कहा कि जनसंख्या का ऐसा असंतुलन परमाणु बम से कम खतरनाक नहीं है।
इसके अलावा हमारी संस्कृति को देखें, हमारी समग्रता और विविधता में एकता एक सकारात्मक सामाजिक व्यवस्था के पहलू हैं। बहुत सुखदायक हैं। हम सबका खुले दिल से स्वागत करते हैं, लेकिन नतीजा क्या निकला? इसका दुरुपयोग हो रहा है। श्री धनखड़ ने कहा कि जनसंख्या अव्यवस्था, दुर्भावनापूर्ण जाति-आधारित विभाजन और ऐसी कई अन्य चीजें चौंकाने वाली और गंभीर रूप से समझौता करने वाली हैं।