हिरण की हुई मौत पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक बोले- विभाग के लिए है क्षति

हिरण की हुई मौत पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक बोले- विभाग के लिए है क्षति

  • पानी की तलाश में भटके हुए हिरण की शहर में हुई थी मौत

कवर्धा। 29 अप्रैल को पानी की तलाश में जंगल की ओर से भटकती हुई एक मादा हिरन शहर आ पहुंची। लोगों की भीड़ से भयभीत हिरण ने अपनी जान बचाने के लिए जिला पंचायत कवर्धा के अहाते से छलांग लगाई, जिससें उसे चोट भी आई। वहीं बीएसएनएल ऑफिस के पास छलांग लगाने से उसके पेट व निचले भाग में गहरी चोट आ गई। सूचना मिलते ही वन अमले ने घायल हिरण के उपचार के लिए उसे पशु चिकिसालय लाया, लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई। इस मामले को लेकर राज्य सरकार के वन विभाग ने क्षति माना है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि गर्मी में पेयजल भोजन की कमी के कारण वन्य जीव अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में आते हैं, जिसके कारण कई बार वन्य प्राणियों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है। इसको ध्यान में रखते हुए वन विभाग, द्वारा वन्य प्राणियों को ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। भोरमदेव अभ्यारण्य से भटकर आबादी क्षेत्रों में जाने और करंट से मृत्यु के संबंध में कहा कि वन्य प्राणियों की मृत्यु न केवल वन विभाग के लिए क्षति है बल्कि इससे पूरा पारिस्थितिक तंत्र प्रभावित होता है। ग्रामीणों द्वारा भी वन्य प्राणियों को बचाने के लिए कई बार संवेदनशील प्रयास किए जाते हैं, जो सराहनीय है।


अवैध शिकार को रोकने जागरूक किया जाएगा

राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि वन्य प्राणियों को करंट आदि सुरक्षा के लिए वन विभाग द्वारा पानी और चारे सहित अन्य आवश्यक व्यवस्था की जा रही है। वन्य प्राणियों के रहवास स्थानों के आस-पास कम से कम एक जलस्त्रोत उपलब्ध रहे यह सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके अलावा विभाग के मैदानी अमलों के साथ ही आस-पास के ग्रामीण को भी वन्य प्राणियों की सुरक्षा, अवैध रूप शिकार आदि घटनाओं को रोकने के बारे में जागरूक कर उनका सहयोग लिया जा रहा है।

भीषण गर्मी का असर सबसे ज्यादा जंगली जानवर पर

वर्तमान में बीते एक हफ्ते में सबसे ज्यादा गर्मी पढ़ रहा है। तापमान 43 डिग्री तक पहुंच गया है। इस कारण आमजन के साथ जंगल में रह रहे पशुओं व जानवरों पर भी असर पड़ रहा। बीते एक माह में जंगली जानवर के मौत के कई मामले सामने आ चुके है। भोरमदेव अभ्यारण्य व वन मंडल के जंगल में प्राकृतिक जल स्रोत के सूखने से वन्य प्राणी पानी के लिए भटकने लगे हैं। क्षेत्र में नदी, तालाब व स्टापडैम का पानी सूख गया है। इसका खामियाजा वन्य प्राणियों को हो रहा है। पानी की तलाश में जंगली जानवर गांव व शहर की ओर आने लगे हैं, जिससे गांव व शहर में वन्य प्राणी के हमले की आशंका बढ़ गई है।

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