नीतीश कुमार ने बढ़ाई बीजेपी की टेंशन; क्या दशहरे के बाद आएगा सियासी ‘भूकंप?
-बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ऐसी तस्वीर सामने आ रही है कि बीजेपी और नीतीश कुमार के बीच तनाव बढ़ गया
पटना। Nitish Kumar increased BJP tension: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी माहौल गरमा गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच दरार बढ़ती जा रही है। इस बीच लोक शक्ति जनता पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। जिससे बिहार की सियासी हलचल तेज हो गई है। पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार बीजेपी कोटे के मंत्रियों से दूरी बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री भी इन मंत्रियों से मिलने से बच रहे हैं। नीतीश कुमार के ऐसे व्यवहार से बीजेपी भी हैरान है। लेकिन दोनों ही पार्टियां इस पर बात करने को तैयार नहीं हैं।
ऐसे में चिराग पासवान की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Nitish Kumar increased BJP tension) से मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारे में कानाफूसी जारी है। चिराग ने ट्वीट कर शाह के साथ अपनी मुलाकात की तस्वीर पोस्ट की। दोनों ने वर्तमान राजनीतिक स्थिति और विभिन्न राज्यों में आगामी चुनावों पर चर्चा की। चिराग पासवान का यह दौरा न सिर्फ बिहार में चर्चा में है, बल्कि झारखंड विधानसभा चुनाव के लिहाज से भी यह दौरा अहम है। झारखंड विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। नीतीश कुमार की जेडीयू और चिराग की एलजेपी दोनों ही बीजेपी के साथ मिलकर झारखंड चुनाव मैदान में उतरना चाहती हैं।
झारखंड में बीजेपी और आजसू के बीच पहले से ही मोर्चा बना हुआ है। फिर भी कहा जा रहा है कि बीजेपी जेडीयू को अपने साथ लेगी। चिराग पासवान भी एनडीए के साथ हैं जो झारखंड में चुनाव भी लड़ेंगे। सितंबर में चिराग पासवान ने घोषणा की थी कि वह झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। पार्टी अपने दम पर लड़ेगी या गठबंधन बनाएगी, इस पर अभी चर्चा होनी बाकी है। अब जेडीयू बीजेपी के साथ आ गई है तो ये देखना अहम है कि क्या बीजेपी झारखंड चुनाव में चिराग पासवान को अपने साथ लेगी या नहीं।
इस बीच नीतीश कुमार (Nitish Kumar increased BJP tension) के नेतृत्व वाली जेडीयू, लोक जन शक्ति पार्टी के चिराग पासवान, तेलुगु देशम पार्टी के चंद्रबाबू नायडू सत्ता में हैं। इन 3 पार्टियों के समर्थन से केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार है। इतिहास पर नजर डालें तो इन तीनों पार्टियों ने समय-समय पर बीजेपी का साथ छोड़ा है। टीडीपी ने पहले अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। टीडीपी ने 2014 में बीजेपी के साथ गठबंधन किया था लेकिन 2019 में वह बीजेपी विरोधी हो गई। आज टीडीपी फिर से बीजेपी के साथ है। नीतीश कुमार भी कब साथ छोड़ देंगे यह कहना मुश्किल है। इसलिए एनडीए सरकार में शामिल बीजेपी को सोच-समझकर कदम उठाने होंगे।