Third World War: तीसरे विश्व युद्ध की भविष्यवाणी, अगर युद्ध हुआ तो कितने रुपये का होगा नुकसान ? आंकड़ा पढ़कर चौंक जाएंगे आप!
-एक बार फिर विश्व युद्ध की ओर बढ़ रहा है? ऐसा सवाल आपके मन में जरूर उठा होगा
नई दिल्ली। Third World War: जहां पिछले एक साल से हमास के साथ संघर्ष चल रहा है, वहीं पिछले कुछ दिनों में इजरायल ने लेबनान में ईरान समर्थित हिजबुल्लाह संगठन को निशाना बनाया और उसके कई बड़े नेताओं को खत्म कर दिया। इजराइल की इस हरकत से ईरान गुस्से में आ गया है और बीते सोमवार की रात ईरान ने इजराइल पर सैकड़ों मिसाइलों से जोरदार हमला कर दिया। अब इजरायल ने ईरान को जवाब देने की तैयारी कर ली है। इससे मध्य पूर्व में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है।
रूस-यूक्रेन, इजऱाइल-हमास, इजऱाइल-ईरान, लेबनान और सीरिया सभी किसी न किसी रूप में युद्ध में हैं। इसके अलावा इजराइल के खिलाफ दुनिया के 40 से ज्यादा इस्लामिक देश एकजुट हो रहे हैं और रूस भी उसे बाहर से समर्थन दे रहा है। दूसरी ओर, अमेरिका समेत नाटो समूह के देश इजराइल के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। इस बीच उत्तर कोरिया लगातार युद्ध की धमकी दे रहा है और परमाणु परीक्षण कर रहा है।
वैसे ही भारत और चीन के बीच सीमा विवाद (Third World War) चल रहा है। साथ ही चीन ताइवान पर हमले की तैयारी कर रहा है। लेकिन ताइवान किसी भी कीमत पर अमेरिका को बचाना चाहता है। दुनिया के समग्र हालात पर नजर डालें तो क्या यह एक बार फिर विश्वयुद्ध की ओर बढ़ रहा है? ऐसा सवाल आपके मन में जरूर उठा होगा।
ज्योतिषी और ‘भारतीय नास्त्रेदमस’ के नाम से मशहूर कुशल कुमार ने पिछले साल भविष्यवाणी की थी कि 2024 दुनिया के लिए इस सदी का सबसे तनावपूर्ण साल होगा। इसलिए ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि दुनिया की मौजूदा स्थिति उसी दिशा में जा रही है। तो, अगर वैश्विक स्थिति बिगड़ती है और तीसरा विश्व युद्ध छिड़ जाता है, तो दुनिया में कितने रुपये का नुकसान होगा और किस देश को सबसे ज्यादा नुकसान होगा।
कितने रुपये का होगा नुकसान?
फिलहाल तीसरे विश्व युद्ध की सिर्फ अटकलें ही लगाई जा रही हैं। ऐसे में तीसरे विश्व युद्ध के नुकसान का सटीक अनुमान लगाना संभव नहीं है, लेकिन विश्लेषक पिछले विश्व युद्ध यानी द्वितीय विश्व युद्ध (Third World War) के नुकसान के आधार पर भविष्य के नुकसान का अनुमान लगा रहे हैं। 1939 से 1945 के बीच हुए द्वितीय विश्व युद्ध के इतिहासकार डॉ. हेलेन फ्राइ के मुताबिक, उस दौर का आर्थिक घाटा आज के हिसाब से करीब 21 ट्रिलियन डॉलर (करीब 1764 लाख करोड़ रुपये) था। हालाँकि, तृतीय विश्व युद्ध में इससे 1000 गुना अधिक क्षति होने का अनुमान है। इस आंकड़े को देखें तो कुल नुकसान करीब 17,63,000 लाख करोड़ रुपये हो सकता है।
आधुनिक हथियार विकसित करें
कई देशों के पास अब आधुनिक हथियार हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर युद्ध हुआ तो वह जल, थल, वायु के साथ-साथ साइबर स्तर पर भी लड़ा जाएगा। जानमाल के नुकसान के साथ-साथ भारी आर्थिक नुकसान की भी आशंका है। जबकि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान केवल संयुक्त राज्य अमेरिका के पास परमाणु शक्ति थी, आज दुनिया के दर्जनों देशों के पास परमाणु बम हैं। इतना ही नहीं, हाइड्रोजन बम और रासायनिक हथियार भी विकसित किये गये हैं। तो विश्व युद्ध की स्थिति में होने वाले नुकसान का अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।
कौन अधिक पीडि़त होगा?
जब द्वितीय विश्व युद्ध की बात आती है, तो यूरोपीय देशों को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ा। अगर तीसरा विश्व युद्ध (Third World War) छिड़ा तो जाहिर है इसका सबसे ज्यादा असर अमेरिका और रूस पर पड़ेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन दोनों देशों ने दूसरे देशों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा कर दिया है। जाहिर है कि युद्ध की स्थिति में इन दोनों देशों को मित्र राष्ट्रों को न सिर्फ आर्थिक मदद बल्कि हथियार भी मुहैया कराने होंगे। यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान अमेरिका ने यूक्रेन को न केवल अरबों डॉलर की सीधी सहायता दी, बल्कि कई हथियार भी भेजे।