संपादकीय: मिडिल ईस्ट में महायुद्ध का खतरा
Threat of great war in the Middle East: इजरायल ने पहले गाजापट्टी में हमला कर हमास के खिलाफ बड़ी कार्यवाही की थी और अब उसने लेबनान पर भी हमला कर हिजबुल्ला के खिलाफ खुली लड़ाई का ऐलान कर दिया है।
इजरायल के हमले में हिजबुल्ला के नसरल्लाह के साथ ही ईरान का एक उच्च अधिकारी भी मारा गया था। इस घटना के बाद ईरान ने अब इजरायल पर हमला कर दिया है। दो हजार किलोमीटर दूर से ईरान ने इजरायल को निशाना बनाते हुए 200 से ज्यादा मिसाइलें दागी हंै।
ईरान ने तो दावा किया है कि उसके मिसाइल हमले से इजरायल के मोसाद हेड क्वार्टर को नेस्तनाबूद कर दिया गया है किन्तु इजरायल का दावा है कि ईरान के इस हमले से कोई ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। क्योंकि इजरायल ने ईरान द्वारा दागी गई ज्यादातर मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया है।
ईरान के हमले में इजरायल को कितना नुकसान हुआ है इसका अभी खुलासा नहीं हुआ है लेकिन यह ईरान का इजरायल के खिलाफ सबसे बड़ा हमला है।
इसके बाद इजरायल के बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान को धमकी दी है कि इजरायल इसका बदला लेगा। ईरान के इस हमले की अमेरिका ने कड़ी निंदा की है और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि अमेरिका इजरायल के साथ खड़ा है।
यदि मिडिल ईस्ट में महायुद्ध की नौबत आती है तो अमेरिका इजरायल को हर संभव मदद देगा। इधर ईरान के साथ चीन और रूस जैसी महाशक्तियांं हैं। जाहिर है यदि इजरायल ईरान पर बड़ा हमला करता है और ईरान के परमाणु प्लांट को निशाना बनाता है तो मिडिल ईस्ट में महायुद्ध होने की आशंका बलवती हो जाएगी।
गौरतलब है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम का इजरायल लगातार विरोध करता रहा है और उसके परमाणु कार्यक्रम को मिडिल ईस्ट की शांति के लिए खतरा बताता रहा है।
अब ईरान ने इजरायल पर बड़ा हमला करके इजरायल को एक मौका दे दिया है कि वह इसके बदले में उसपर भी हमला करें और उसके परमाणु प्लांट को निशाना बनाने की कोशिश करंे।
इधर इजरायल ने लेबनान में अपनी कार्यवाही तेज कर दी है और अब वह यमन के आतंकी संगठन हुती के खिलाफ भी हमले की तैयारी कर रहा है। जिससे मिडिल ईस्ट मे अशांति का माहौल बन गया है।
इसे देखते हुए वहां महायुद्ध का खतरा मंडराने लगा है। यदि यह विश्वयुद्ध के रूप में तब्दील होता है तो दुनिया के अनेक देश इसकी चपेट में आ सकते हैं। इस खतरे को भांपकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ठीक ही कहा है कि हम वैश्विक तबाही के नजदीक जा रहे हैं
यदि इजरायल और ईरान के बीच संभावित जंग को रोका नहीं गया तो पूरी दुनिया को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। गौरतलब है कि खाड़ी के देशों में ही पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस का सबसे बड़ा भंडार है।
यदि वहां महायुद्ध की नौबत आती है तो पूरी दुनिया में पेट्रोल डीजल और गैस के दाम आसमान छूने लगेंगे। जिसकी वजह से महंगाई सातवें आसमान पर पहुंच जाएगी। बेहतर होता की संयुक्त राष्ट्र इस महायुद्ध के खतरे को टालने के लिए प्रभावी कार्यवाही करें।
इन देशों के हुक्मरानों को यह बात समझनी चाहिए कि जंग से किसी का भला नहीं होता है। दुनिया के सामने अभी तमाम चुनौतियां हैं और यह समय युद्ध का नहीं है। इतिहास इस बात का गवाह है कि युद्ध से कभी किसी को सिवाए तबाही के और कुछ हासिल नहीं हुआ है।