संपादकीय: बिहार में बाढ़ से हाहाकार चिंता का विषय
Flood in Bihar a matter of concern: इस साल मानसून वैसे तो देश के अनेक राज्यों में कहर ढा रहा है किन्तु बिहार में तो भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से हाहाकार मचना चिंता का विषय बन गया है।
नेपाल में हुई भारी बारिश का भी बिहार की नदियों पर प्रभाव पड़ा है। बिहार का शोक कहलाने वाली कोशि नदी गुस्से से उफन रही है। 50 साल बाद कोशि नदी ने ऐसा रौद्र रूप दिखलाया है जिसकी वजह से बिहार के पूर्वी चंपारण में जल प्रलय की सी स्थिति निर्मित हो गई है।
बिहार के 13 जिलों के सैंकड़ो गांव बाढ़ की चपेट में आ गए है जहां से हजारों लोगो को पलायन के लिए बाध्य होना पड़ा है। इस भारी बाढ़ और भूस्खलन से कितने जनधन की हानी हुई है यह अभी पता नहीं चल पाया है।
एनडीआरएफ की टीमें बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है। उल्लेखनीय है कि बिहार की कोशि नदी और गंडक नदी में नेपाल से पानी आ रहा है। नेपाल पहले ही भारी बाढ़ के कारण मुसीबतों से घिरे है जहां 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
नेपाल की नदियों से आने वाले पानी की वजह से ही बिहार के दर्जन जिलों में बाढ़ के गंभीर हालात बन गये है। जिससे निपटने के लिए बिहार सरकार अपने स्तर पर काम कर ही रही है
लेकिन वहां के बिगड़ते हालातों को मद्देनजर रखकर केन्द्र सरकार को भी बिहार के लिए आर्थिक मदद अविलंब करनी चाहिए ताकि प्राकृ़तिक आपदा की इस घडी में बिहार बाढ़ पीडि़तो की हर संभव मदद कर सके।