संपादकीय: राकेश टिकैत का विवादास्पद बयान

संपादकीय: राकेश टिकैत का विवादास्पद बयान

Rakesh Tikait's controversial statement

Rakesh Tikait's controversial statement

Rakesh Tikait’s controversial statement: तथाकथित किसान नेता राकेश टिकैत विवादास्पद बयानबाजी के लिए ही जाने जाते हैं। उन्होंने एक बार फिर बेहद विवादास्पद बयान दिया है। एक खबरिया चैनल से चर्चा के दौरान राकेश टिकैत ने कहा है कि भारत में भी बांग्लादेश जैसे हालात निर्मित हो रहे हैं।

इस तरह का बयान तो कांग्रेस के ही कई नेता दे चुके हैं। आईएनडीआईए में शामिल अन्य विपक्षी पार्टियों के नेता भी इस तरह का विवादास्पद बयान दे चुके हैं किन्तु राकेश टिकैत यहीं पर नहीं रूके बल्कि दो कदम आगे बढ़ते हुए उन्होंने यह बयान दिया कि जनवरी माह में जब किसानों ने नई दिल्ली में ट्रैक्टर आंदोलन किया था।

तब उनके ट्रैक्टर लाल किला की ओर जाने की जगह संसद की ओर मोड़ दिया जाता तो उसी समय काम हो जाता। राकेश टिकैत ने यह भी धमकी दी है कि इस बार किसान पूरी तैयारी से दिल्ली कूच करेंगे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ढ़ूंढ़े नहीं मिलेेंगे।

निश्चित रूप से राकेश टिकैत का इस तरह का विवादास्पद बयान देशद्रोह की श्रेणी में आता है। हैरत की बात है कि उनके खिलाफ केन्द्र सरकार कार्यवाही करने से क्यों हिचकिचा रही है।

अभी कुछ दिन पहले ही राकेश टिकैत ने बंगाल में एक डॉक्टर बेटी की हत्या के बाद हो रहे आंदोलन को लेकर भी इसी तरह का विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि बंगाल की घटना को लेकर बेवजह बवाल खड़ा किया जा रहा है।

इसके पीछे वजह यही है कि ममता बनर्जी की सरकार को बर्खास्त करने के लिए इस मुद्दे को उछाला जा रहा है। इस तरह का का संवेदनशील बयान देकर राकेश टिकैत ने अपनी मानसिकता का परिचय दे दिया है।

दरअसल राकेश टिकैत इस तरह के विवादास्पद और भड़काऊ बयान देकर ही चर्चा में बने रहना चाहते हैं। उनकी नेतागीरी का आलम तो यह है कि उनके अपने गांव के लोग ही उनको कोई भाव नहीं देते।

वे दो बार चुनाव लड़ चुके हैं और दोनों ही बार उनकी जमानत जब्त हो चुकी है। जिसके बाद से वे स्वयंभू किसान नेता बन गए हैं और किसान आंदोलन के दौरान भी इसी तरह के विवादास्पद बयान देकर मीडिया की सुर्खियां बटोरते रहे हैं।

किन्तु इस बार उन्होंने बांग्लादेश जैसे हालात भारत में निर्मित होने का दावा करके देशद्रोह का अपराध किया है। इसलिए उनके खिलाफ केन्द्र सरकार को कड़ी से कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए।

अन्यथा ऐसे लोगों का हौसला और बुलंद होगा और वे भड़काऊ बयानबाजी कर देश में अराजकता फैलाने की कोशिश करने से बाज नहीं आएंगे।

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