संपादकीय: खेल को लेकर राजनीति अनुचित
Politics regarding sports: पेरिस में आयोजित ओलंपिक में महिला पहलवान विनेश फोगाट सौ ग्राम वजन अधिक होने के कारण अयोग्य घोषित हो गई। निश्चित रूप से यह दुर्भाग्यजनक घटना है।
इससे पूरा देश निराश है। भारत की एक बेटी कड़े खेल नियमों के कारण अपनी स्वर्णिम उपलब्धि से एक कदम दूर रह गई। पूरा देश उनके साथ है। किन्तु इसे लेकर भारत में विपक्षी पार्टियां जो राजनीतिक खेल कर रही हैं वह अनुचित है।
इस ओलंपिक में ही वजन ज्यादा होने के कारण तीन अन्य खिलाडिय़ों को भी अयोग्य करार दिया गया है। लेकिन किसी भी देश में इसे लेकर कोई बखेड़ा खड़ा नहीं किया है। लेकिन भारत में विनेश फोगाट के मामले को लेकर इसके पीछे साजिश किए जाने की संभावना जताई जा रही है और इसकी जांच की मांग भी उठाई जा रही है।
गौरतलब है कि विनेश फोगाट के साथ जो सपोर्टिंग स्टाफ गया था। वह उनकी पसंद का ही था। ऐसी स्थिति में उनका कोई विश्वसनीय सहयोगी भला कैसे उनके खिलाफ कोई साजिश कर सकता है। फाइनल मुकाबले के पहले उनका पूरा सपोर्टिंग स्टाफ भी पूरी रात जागा था और उनका वजन कम करने की हर संभव कोशिश की थी।
बहरहाल जो हुआ सो हुआ लेकिन अब विनेश फोगाट को लेकर हरियाणा के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने यह बयान दिया है कि यदि हरियाणा में कांग्रेस को बहुमत प्राप्त होता तो वे विनेश फोगाट को राज्यसभा में भेज देते।
इस पर पलटवार करते हुए विनेश फोगाट के ताऊ महावीर फोगाट ने कहा है कि हुड्डा व्यर्थ की राजनीति कर रहे हैं। यदि उन्हें खिलाडिय़ों से इतना ही लगाव होता तो कामन वेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली गीता फोगाट और बबीता फोगाट को उन्होंने राज्यसभा में क्यों नहीं भेजा।
उस समय तो हरियाणा के मुख्यमंत्री थे। यही नहीं बल्कि गीता और बबीता को डीएसपी पद पर नियुक्ति दी जानी चाहिए थी लेकिन उन्हें सब इस्पेक्टर औैर इंस्पेक्टर पद पर नियुक्ति दी गई थी। इसी तरह आम आदमी पार्टी और तृणमुल कांग्रेस के नेताओं ने भी विनेश फोगाट को राज्यसभा में भेजने और भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित करने की मांग उठाई है।
यह सब हरियाणा विधानसभा के होने वाले चुनाव को मद्देनजर रखकर ही किया जा रहा है। इस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता है। जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने रजत पदक जीता है। वहीं निशानेबाजी में मनु भाकर ने दो-दो कांस्य पदक जीते हैं।
लेकिन इन खिलाडिय़ों के बारे में ये विपक्षी नेता कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं। ना ही उन्हें राज्यसभा में भेजने की मांग कर रहे हैं। कुल मिलाकर विनेश फोगाट के मामले में राजनीतिक स्टंट किया जा रहा है।
जिसका सीधा संबंध हरियाणा विधानसभा चुनाव से है। बेहतर होगा कि खेल को खेल ही रहने दिया जाए। इसे और कोई नाम देने की कोशिश न की जाए। इससे खिलाडिय़ों का भी मनोबल गिरता है।
रही बात विनेश फोगाट को सम्मान देने की तो हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पहले ही यह घोषणा कर दी है कि विनेश फोगाट के भारत लौटने पर उनका उसी तरह सम्मान किया जाएगा जैसा सम्मान किसी पदक विजेता खिलाड़ी का किया जाता है।
यहीं नहीं बल्कि विनेश फोगाट को हरियाणा सरकार वो तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराएगी जो किसी भी ओलंपिक विजेता खिलाड़ी को उपलब्ध करार्ई जाती है। इस घोषणा के बाद अब विनेश फोगाट को लेकर व्यर्थ का बवाल खड़ा करना कतई उचित नहीं है।