संपादकीय: आतंकवाद की जड़ पर प्रहार जरूरी
Terrorism: जम्मू कश्मीर में 370 के खात्में के बाद से वहां विकास की जो बयार बह रही है। वह पड़ोसी देश पाकिस्तान के आंखों में खटक रही है। यही वजह है कि वह जम्मू कश्मीर को अशांत करने के लिए मुट्ठीभर आतंकवादियों के जरिए भारत के साथ क्षद्म युद्ध लड़ रहा है।
लोकसभा चुनाव के दौरान जम्मू कश्मीर में जो भारी मतदान हुआ है उससे पाकिस्तान और भी बौखला गया है। अब जल्द ही जम्मू कश्मीर विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। इस चुनाव में खलल डालने के लिए पाकिस्तान के इशारे पर आतंकवादी संगठनों ने जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले तेज कर दिए हैं।
इसी कड़ी में डोड़ा जिले में आतंकवादियों ने घात लगाकर भारतीय सेना की टुकड़ी पर हमला किया। जिसमें एक कैप्टन सहित पांच जवान शहीद हो गए। इस घटना के बाद अब पूरे देश में पाकिस्तान के प्रति लोगों का गुस्सा फूटने लगा है। जिस तरह एक के बाद एक आतंकी हमले में हमारे जवान शहीद हो रहे हैं।
उससे लोगों का खून खौलना स्वाभाविक है। इधर पाकिस्तान के एक खबरिया चैनल में आतंकी संगठन हिजबुल के एक कमांडर ने यह बात कबूल की है कि जम्मू कश्मीर में हम इसीलिए आतंकी हमले कर रहे हैं। ताकि वहां विधानसभा चुनाव न होने पाए बहरहाल अब आतंकी संगठनों के खिलाफ भारतीय सेना और सुरक्षाबलों को अपना अभियान और तेज कर देना चाहिए।
भारतीय सेना ने जम्मू कश्मीर में बचे खुचे आतंकवादियों की तलाश तेज कर भी दी है और देर सबेर वे सभी आतंकवादी (Terrorism) जहन्नुम रसीद किए जाएंगे। इसके साथ ही इन आतंकवादियों के हिमायतियों के खिलाफ भी कड़ी से कड़ी कार्यवाही निहायत जरूरी है।
बगैर स्थानीय लोगों की मदद के ये मुट्ठीभर आतंकवादी लगातार भारतीय सेना और सुरक्षाबलों को निशाना नहीं बना सकते इसलिए यह आवश्यक है कि ऐसे गद्दारों की पहचान कर उनके खिलाफ भी उसी तरह की कड़ी कार्यवाही की जाए। जैसी आतंकवादियों के खिलाफ की जाती है।
इसके अलावा अब समय आ गया है कि आतंकवाद के पर्याय बन चुके पाकिस्तान के खिलाफ भी एक बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक तत्काल की जाए। सीमा पार पाकिस्तान ने फिर से आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर आबाद कर लिए हैं।
जहां आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी जा रही है और उनकी भारत में घुसपैठ कराने की कोशिश भी की जा रही है। यह बात अलग है कि सीमा पर भारतीय सेना की सतर्कता के चलते ये प्रशिक्षित आतंकवादी घुसपैठ नहीं कर पा रहे हैं । इसके पहले की पाक के नापाक मनसूबे कामयाब हो पाए।
सीमा पार चल रहे इन टेरर कैंपों को नेस्तनाबूद करने के लिए एक और बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की जाए। जब तक आतंकवाद (Terrorism) की जड़ पर जबर्दस्त प्र्रहार नहीं किया जाएगा। तब तक पाकिस्तान अपने नापाक इरादों से बाज नहीं आएगा।
वैसे चिंता का एक कारण यह भी है कि अब आतंकवादियों ने कश्मीर घाटी को छोड़कर जम्मू में अशांति फैलाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। ऐसे में अमरनाथ यात्रा को भी ये आतंकी निशाना बना सकते हैं।
इसलिए अब कश्मीर घाटी की तरह ही जम्मू में भी चप्पे चप्पे पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाएं और आतंकियों के मददगारों को भी सबक सिखाए जाए। तभी जम्मू कश्मीर में अमन और चैन कायम हो पाएगा।