संपादकीय : संतुलित केन्द्रीय मंत्रिमंडल

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Balanced Union Cabinet

Editorial: Balanced Union Cabinet


Editorial: Balanced Union Cabinet प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में विभागों का वितरण कर दिया है। उन्होंने राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गड़करी, एस जयशंकर और निर्मला सीतारमण जैसे वरिष्ठ मंत्रियों को उनके पुराने विभाग ही दिए हैं। जिसमें उनका काम सराहनीय रहा है। प्रधानमंत्री ने कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन तथा परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग अपने ही पास रखे हैं।

पीएम मोदी ने अपनी नई टीम में अनुभवी वरिष्ठ नेताओं के साथ ही युवा चेहरों को भी पर्याप्त महत्व दिया है और उन्हें महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उन्होंने कृषि विभाग के साथ ही ग्रामीण विकास विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है।

शिवराज सिंह चौहान बेहद अनुभवी नेता हैं और उन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में मध्यप्रदेश को विकास की ऊंचाइयों पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भारत एक कृषि प्रधान देश है और भाजपा ने 2014 में जब पहली बार अपनी सरकार बनाई थी। उस दौरान भाजपा ने किसानों की आय दो गुना करने का वादा किया था। पिछले एक दशक के कार्यकाल के दौरान मोदी सरकार ने किसानों के हित में कई कारगर कदम उठाए हैं। 9 करोड़ से अधिक किसानों को किसान सम्मान निधि भी दी जा रही है। किन्तु किसानों की आय आज तक दो गुनी नहीं हो पाई। उल्टे तीन नए कृषि कानून बनाने की वजह से किसानों ने एक बड़ा आंदोलन छेड़ दिया था।

इसके बाद उन कृषि कानूनों को मोदी सरकार ने वापस लिया था। निश्चित रूप से शिवराज सिंह चौहान के सामने एक बड़ी चुनौती है किन्तु वे इस चुनौती का सामना करने में सफल होंगे और किसानों की दशा तथा कृषि की दिशा बदलने में उन्हें कामयाबी हासिल होगी। यह उम्मीद की जा सकती है। शिवराज सिंह चौहान कृषि मंत्रालय ही चाह रहे थे इसलिए पीएम मोदी न उनकी मंशा के अनुरूप उन्हेें कृषि मंत्रालय सौंपा है। साथ ही ग्रामीण विकास मंत्रालय भी दिया है जो एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। पीएम मोदी ने कुछ मंत्रियों के विभागों में भी बदलाव किया है। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को उन्होंने दूर संचार मंत्रालय तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय सौंपा है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में बेहतर काम किया था। इसलिए अब उन्हेंं ज्यादा महत्वपूर्ण विभाग देकर पीएम मोदी ने एक तरह से उनका प्रमोशन किया है। डिजिटल क्रांति के इस दौर में ज्योतिरादित्य सिंधिया को यह विभाग मिलना उनके लिए भी एक बड़ी चुनौती है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए पीएम मोदी संकल्पित हंै। इसे लेकर उन्होंने जो सपना देखा है। उसे साकार करने में ज्योतिरादित्य सिंधिया निश्चित रूप से सफल होंगे और पीएम मोदी की कसौटी पर खरा उतरकर दिखाएंगे।

पीएम मोदी ने मंत्रियों के विभागों का बंटवारा करते हुए एनडीए में शामिल अन्य सहयोगी दलों के मंत्रियो को भी महत्वपूर्ण विभाग दिए हैं। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमार स्वामी को भारी उद्योग और स्टील मंत्रालय दिया है। वहीं तेलुगू देशम पार्टी के राम मोहन नायडू को उडडयन विभाग तथा जदयू सहित अन्य सहयोगी दलों के मंत्रियों को भी उनकी योग्यता अनुसार जिम्मेदारी सौंपी है। पीएम मोदी ने अपने मंत्रिमंडल (Balanced Union Cabinet) के गठन में और विभागों के वितरण में किसी भी तरह के दबाव को नहीं स्वीकारा है।

वैसे भी मंत्रिमंडल का गठन और विभागों का वितरण प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार होता है किन्तु जब किसी पार्टी को अकेले उसके बलबूते पर स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता और उसे सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बनानी पडती है तो प्रधानमंत्री को सहयोगी दलों के दबाव में आकर समझौता करना ही पड़ता है।

पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में उनके मंत्रिमंडल को लेकर तरह तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही थी ऐसी खबरें और अफवाहें सामने आई थी कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू महत्वपूर्ण मंत्रालयों पर अपना दावा ठोक रहे हैं और इसके लिए प्रधानमंत्री पर दबाव बना रहे हंै किन्तु पीएम मोदी ने अपनी जैसी टीम बनाई है और उनमें सबकी जिम्मेदारी तय की है।

उससे स्पष्ट हो गया है कि उनके सहयोगी दलों ने उन्हें अपनी टीम बनाने के लिए फ्री हैंड दे दिया था। वास्तव में किसी भी टीम की सफलता सिर्फ उस टीम के कप्तान के प्रदर्शन पर ही केन्द्रीत नहीं होती है। टीम के हर सदस्य को बेहतरीन काम करके दिखाना पड़ता है। पीएम मोदी ने अपने पिछले दो कार्यकाल के दौरान अपनी टीम में वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी थी और इनमें से ज्यादातर मंत्रियों ने बेहतर काम करके दिखाया है।

इसीलिए पीएम मोदी ने अपनी तीसरी पारी में भी उन मंत्रियों के विभागों को यथावत रखा है और जिन नए चेहरों को ज्यादा जिम्मेदारी वाले विभाग दिए हैं वे भी उनके आजमाएं हुए पुराने सहयोगी है।

जैसे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को उन्होंने शहरी विकास और ऊर्जा विभाग दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पीएम आवास योजना के तहत सभी गरीबों को पक्का मकान देने का जो ड्रीम प्रोजेक्ट चला रहे हैं। उसे संभालने के लिए उन्हें एक अनुभवी साथी की जरूरत थी। इसी तरह पीएम मोदी देश में सौर ऊर्जा को बढावा देने के लिए संकल्पित हैं। इन दोनों ही योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए उन्होंने मनोहर लाल खट्टर को चुना है। उम्मीद है कि वे अपनी इस नई भूमिका में सफल होंगे।

इसी तरह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जिनका कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है। उन्हें उनका पसंदीदा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय सौंपा गया है। पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में जेपी नड्डा यह विभाग संभाल चुके हैं। कुल मिलाकर पीएम मोदी की यह नई टीम बेहद संतुलित है और इससे बेहतर प्रदर्शन करने की आशा की जा सकती है।

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